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Hindi Newsधर्म न्यूज़Varalakshmi fast is observed before Raksha Bandhan 2024 note date time upay Laxmi pooja

रक्षाबंधन से पहले रखा जाता है वरलक्ष्मी व्रत, नहीं रहती पैसों की कोई कमी

  • Varalakshmi fast 2024 Sawan : दिवाली की तरह ही वरलक्ष्मी व्रत की पूजा की जाती है। मान्यता है वरलक्ष्मी व्रत करने से सुख-समृद्धि बढ़ती है और घर की दरिद्रता भी पीछा छोड़ देती है।

Shrishti Chaubey लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 14 Aug 2024 07:06 PM
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हिन्दू धर्म में वरलक्ष्मी व्रत महत्वपूर्ण माना जाता है। सावन मास में पड़ने वाले आखिरी शुक्रवार को वरलक्ष्मी व्रत रखा जाता है, जो मां लक्ष्मी को समर्पित है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है। दिवाली की तरह ही इस दिन भी माता लक्ष्मी की उपासना की जाती है। इस त्योहार का दक्षिण भारत में काफी महत्व है। मान्यता है वरलक्ष्मी व्रत करने से सुख-समृद्धि बढ़ती है और घर की दरिद्रता भी पीछा छोड़ देती है। आइए जानते हैं वरलक्ष्मी व्रत की पूजा-विधि, मंत्र, शुभ मुहूर्त, मां लक्ष्मी की आरती और उपाय-

वरलक्ष्मी व्रत शुभ मुहूर्त

हर साल सावन के रक्षा बंधन से पहले आखिरी शुक्रवार के दिन ही वरलक्ष्मी का व्रत रखा जाता है। इस साल ये व्रत 16 अगस्त को एकादशी के दिन रखा जाएगा। माना जाता है की वरलक्ष्मी व्रत की पूजा लग्न के अनुसार की जाती है। वहीं, प्रदोष काल में भी माता की पूजा शुभ मानी जाती है। 

गोधूलि मुहूर्त- 06:59 पी एम से 07:21 पी एम

सिंह लग्न पूजा मुहूर्त (प्रातः) - 05:57 ए एम से 08:14 ए एम

अवधि - 02 घण्टे 17 मिनट्स

वृश्चिक लग्न पूजा मुहूर्त (अपराह्न) - 12:50 पी एम से 03:08 पी एम

अवधि - 02 घण्टे 19 मिनट्स

कुम्भ लग्न पूजा मुहूर्त (सन्ध्या) - 06:55 पी एम से 08:22 पी एम

अवधि - 01 घण्टा 27 मिनट्स

वृषभ लग्न पूजा मुहूर्त (मध्यरात्रि) - 11:22 पी एम से 01:18 ए एम, अगस्त 17

अवधि - 01 घण्टा 56 मिनट्स

वरलक्ष्मी व्रत की पूजा-विधि

  • पवित्र नदी में स्नान करें या पानी में गंगाजल मिलकर स्नान करें
  • माता लक्ष्मी का जलाभिषेक करें
  • माता का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें
  • अब मां लक्ष्मी को लाल चंदन, लाल रंग के फूल और श्रृंगार का सामान अर्पित करें
  • मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें
  • संभव हो तो व्रत रखें और व्रत लेने का संकल्प करें
  • वरलक्ष्मी व्रत कथा का पाठ करें
  • श्री लक्ष्मी सूक्तम का पाठ करें
  • पूरी श्रद्धा के साथ भगवान श्री हरि विष्णु और लक्ष्मी जी की आरती करें
  • माता को खीर का भोग लगाएं
  • अंत में क्षमा प्रार्थना करें

मंत्र- ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नमः

उपाय- लक्ष्मी माता को खुश करने के लिए वरलक्ष्मी व्रत के दिन श्री लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें। लक्ष्मी नारायण की साथ में पूजा करें और माता को 16 शृंगार का समान भी चढ़ाएं। 

लक्ष्मी माता की आरती

ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।

तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।

सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।

जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।

सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।

खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता।

रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।

उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। 

 

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