Today Laxmi Puja Muhurat: अमावस्या आज भी, जानें 1 नवंबर को लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त
- Today Diwali Laxmi Puja Muhurat for Home, Factory and Office: आज दिवाली का पर्व देशभर में मनाया जा रहा है। इस दिन घरों, ऑफिस व फैक्ट्री में लक्ष्मी पूजन किया जाता है। जानें आज दिवाली पर गणेश-लक्ष्मी पूजन मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र व अन्य जरूरी बातें-
Diwali 2024 Puja Vidhi, Ganesh Laxmi Puja Muhurat and Mantra: दो दिन अमावस्या रहने से इस बार दीवाली को लेकर काफी भ्रम रहा। कुछ जगहों पर दिवाली आज 1 नवंबर को भी मनाई जा रही है। काशी विद्वत परिषद, धर्माचार्यों के बाद शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने भी 31 अक्तूबर को ही दीवाली मनाने की व्यवस्था दी थी। इसके पीछे मुख्य तर्क यह है कि 31 अक्तूबर को रात्रिव्यापिनी अमावस्या थी जो एक नवंबर को नहीं है। हालांकि उदयव्यापिनी अमावस्या होने के कारण कुछ विद्वान एक नवंबर को दीवाली मनाने का तर्क भी दे रहे हैं। इस बार दो दिन अमावस्या होने से पांच दिन का यह पर्व छह दिन में परिवर्तित है।
ऐसे होगा दीप दान
● पहले पांच दीपक जलेंगे। इनमें से एक दीपक किचन में, एक वाश रूम में, एक घर की देहरी पर और दो दीपक पूजा स्थल पर होंगे। यह तेल के दीपक होंगे
● इसके बाद 11 दीपक जलेंगे जिनसे घर और पूजा स्थल पर रोशनी की जाएगी
● दो दीपक अखंड होंगे। इनमें एक दीपक सरसों के तेल का और एक घी का होगा। सरसों का दीपक बायें हाथ की तरफ होगा
महामंत्र
ऊं श्रीं श्रीं हूं या ऊं श्रीं श्रीं कमलासिन्यै नमो नम
धन प्राप्ति मंत्र
ऊं श्रीं श्रियें नम(कमल गट्टे की माला से)
(देवी लक्ष्मी जी की आराधना के लिए देवी सूक्तम, कनकधारा स्तोत्र और लक्ष्मीसूक्तम का पाठ करें। महालक्ष्मी जी की पूजा अकेले नहीं वरन भगवान श्रीविष्णु के साथ करनी चाहिए।)
दिवाली पूजा विधि-
● सर्वप्रथम घर के पूजा स्थल को अच्छे से साफ और स्वच्छ करें
● एक लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्रत्त् बिछाएं
● वस्त्रत्त् पर अक्षत अर्थातसाबुत चावलों की एक परत बिछा दें
● इस पर श्री लक्ष्मी गणेश की प्रतिमा को विराजमान करें
● चांदी का सिक्का और श्रीयंत्र भी हो तो स्थापित करें
● सबसे पहले भगवान गणपति का पूजन करें
● इसके बाद महालक्ष्मी का पूजन करें
● लक्ष्मी गणेश के पूजन के लिए घी का एक दीपक बनाएं
● अन्य दीयों में सरसों के तेल का प्रयोग कर सकते हैं।
एक नवंबर को मनाए जाने के लिए तर्क
ज्योतिषाचार्य भारत भूषण सहित कुछ विद्वानों का तर्क है कि 1 नवंबर को सूर्यास्त के बाद भी सांय 6 बजकर 16 मिनट तक अमावस्या ही है तो ऐसे में तो निश्चित ही पंचांग के नियमानुसार भी 1 नवंबर को रात्रि व्यापिनी अमावस्या होगी ही।
एक नवंबर को मनाए जाने के लिए तर्क
ज्योतिषाचार्य भारत भूषण सहित कुछ विद्वानों का तर्क है कि 1 नवंबर को सूर्यास्त के बाद भी सांय 6 बजकर 16 मिनट तक अमावस्या ही है तो ऐसे में तो निश्चित ही पंचांग के नियमानुसार भी 1 नवंबर को रात्रि व्यापिनी अमावस्या होगी ही।
1 नवंबर को लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त-
1 नवंबर को लक्ष्मी पूजन के लिए शुभ मुहूर्त शाम 05:36 मिनट से लेकर 06:16 मिनट तक रहेगा। लक्ष्मी पूजन के लिए करीब 40 मिनट की अवधि मिलेगी।
31 अक्टूबर को मनाई गई दिवाली-
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पांडे के अनुसार अमावस्या 31 अक्तूबर को दोपहर 3.52 बजे से शुरू होगी और एक नवंबर को शाम 6.16 बजे समाप्त होगी। 31 अक्तूबर को पूरी रात अमावस्या रहेगी। दीपावली रात्रि में ही होती है। महालक्ष्मी पूजन, निशा पूजन होता है। स्थिर लग्न की महत्ता है। स्थिर लग्न में ही लक्ष्मी पूजन का विधान है। यह सारी सुविधा 31 को थी।
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