वैवाहिक जीवन में परेशानी लाता है कमजोर मंगल, जानें इसे मजबूत करने के उपाय
ज्योतिष के अनुसार मंगल ग्रह शक्ति, ऊर्जा, साहस और पराक्रम का कारक होता है। मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल है। मकर राशि में मंगल उच्च जबकि कर्क इसकी नीच राशि है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार मंगल ग्रह शक्ति, ऊर्जा, साहस और पराक्रम का कारक होता है। मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल है। मकर राशि में मंगल उच्च जबकि कर्क इसकी नीच राशि है। वहीं नक्षत्रों में यह मृगशिरा, चित्रा और धनिष्ठा नक्षत्र का स्वामी होता है। मंगल यदि लग्न भाव में स्थित तो इस राशि का जातक आकर्षक और धनी होता है। इसके साथ ही साथ यह बेहद क्रोधी स्वभाव के भी होते हैं।
मंगल ग्रह के कमजोर होने के कारण जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वक्री मंगल के समय पैदा होने पर भी जीवन में बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार यदि कुंडली मे मंगल पहले, चौथे, सातवें और बारवें भाव में विराजमान होता है तो कुंडली में मांगलिक दोष का निर्माण होता है। जिसकी वजह से विवाह में देरी आती है। वैवाहिक जीवन सुखमय नहीं होता है। ज्योतिषाचार्य मांगलिक दोष को दूर करने के लिए के उपाय बताते हैं।
जिन लोगों की कुंडली में मंगल ग्रह मजबूत स्थिति में होता है। ऐसे जातक कोई भी निर्णय आसानी से ले सकते हैं। कठिन से कठिन परिस्थितियों से भी वह नहीं डरते हैं। मंगल ग्रह कमजोर होने के कारण भी बहन के साथ रिश्तों में तनाव आने लगता है। अधिक गुस्सा आने के कारण वैवाहिक जीवन कलहपूर्ण बना रहता है। संतान प्राप्ति में भी बाधा आती है।
मंगल ग्रह को मजबूत करने के उपाय-
1. मंगलवार कर दिन सुबह स्नान कर लाल रंग के वस्त्र धारण करें।
2. इस दिन हनुमान जी की पूजा करें।
3. हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाएं।
4. मूंगा रत्न धारण करें।
5. मंगलवार का व्रत करें।
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