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Hindi Newsधर्म न्यूज़Shardiya Navratri 2023 Day 3: Know the method of worshipping maa chandraghanta on third day of shardiya navratri and her special Aarti - Astrology in Hindi

Maa Chandraghanta Aarti: नवरात्रि के तीसरे दिन ऐसे करें मां चंद्रघंटा की पूजा, इस आरती से प्रसन्न होंगी मां

नवरात्रि का तीसरा दिन: नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि मां चंद्रघंटा की पूजा करने से साहस और निडरता का वरदान मिलता है और सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है।

Arti Tripathi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 16 Oct 2023 04:02 PM
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Shardiya Navratri 2023 Day 3: हिंदू धर्म में नवरात्रि के 9 दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना करने का बड़ा महत्व है। नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के चंद्रघंटा अवतार की पूजा का विधान है। मान्यता है कि मां चंद्रघंटा की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है। जीवन में सुख-समृद्धि के योग बनते हैं और माता अपने भक्तों पर हमेशा मेहरबान रहती हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिन लोगों की कुंडली में शुक्र दोष मौजूद हो, उन्हें मां चंद्रघंटा की पूजा जरूर करनी चाहिए।  साथ ही जिन कन्याओं की विवाह में देरी हो रही हो, उन्हें भी मां चंद्रघंटा की पूरे श्रद्धाभाव से पूजा करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं। चलिए नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजाविधि और विशेष आरती जानते हैं-

मां चंद्रघंटा की पूजाविधि:

सुबह जल्दी उठें। स्नानादि के बाद साफ कपड़े पहनें। फिर मंदिर की सफाई करें।
अब मां दुर्गा की प्रतिमा के सामने घी का दीपक जलाएं।
उन्हें अक्षत, कुमकुम, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
दुर्गा सप्तशती, दुर्गा स्त्रोत या दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
माता रानी को खीर या दूध से बनी चीजों का भोग लगा सकते हैं।
मां चंद्रघंटा की बीज मंत्र या उनके अन्य मंत्रों का जाप करें।
मां दुर्गा समेत सभी देवी-देवताओं की आरती उतारें।

मां चंद्रघंटा का मंत्र: नवरात्रि के तीसरे दिन 'ऊँ देवी चंद्रघण्टायै नमः' मंत्र का 108 बार जाप कर सकते हैं।

मां चंद्रघंटा का प्रिय फूल: मां चंद्रघंटा को सफेद कमल या पीले रंग का फूल अर्पित कर सकते हैं।

मां चंद्रघंटा की विशेष आरती

जय मां चंद्रघंटा सुख धाम।
पूर्ण कीजो मेरे सभी काम।
चंद्र समान तुम शीतल दाती।चंद्र तेज किरणों में समाती।
क्रोध को शांत करने वाली।
मीठे बोल सिखाने वाली।
मन की मालक मन भाती हो।
चंद्र घंटा तुम वरदाती हो।
सुंदर भाव को लाने वाली।
हर संकट मे बचाने वाली।
हर बुधवार जो तुझे ध्याये।
श्रद्धा सहित जो विनय सुनाएं।
मूर्ति चंद्र आकार बनाएं।
सन्मुख घी की ज्योति जलाएं।
शीश झुका कहे मन की बाता।
पूर्ण आस करो जगदाता।
कांचीपुर स्थान तुम्हारा।
करनाटिका में मान तुम्हारा।
नाम तेरा रटूं महारानी।
भक्त की रक्षा करो भवानी।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
 

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