शरद पूर्णिमा 2017: आज इस वजह से खुले आसमान के नीचे रखी जाती है खीर...
अश्विन महीने की शरद पूर्णिमा बेहद खास होती है। कहा जाता है कि इस दिन रात को खीर खुले आसमान में रखी जाती है। जिसके बाद उसे प्रसाद के रूप में खाया जाता है। शरद पूर्णिमा की रात को चांद धरती को सबसे करीब...
अश्विन महीने की शरद पूर्णिमा बेहद खास होती है। कहा जाता है कि इस दिन रात को खीर खुले आसमान में रखी जाती है। जिसके बाद उसे प्रसाद के रूप में खाया जाता है। शरद पूर्णिमा की रात को चांद धरती को सबसे करीब होता है। कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा को चांद 16 कलाओं से संपन्न होकर अमृत वर्षा करता है जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है।
इस दिन व्रत रख कर विधि-विधान से लक्ष्मीनारायण का पूजन किया जाता है और रात में खीर बनाकर उसे रात में आसमान के नीचे रखा जाता है। कहा जाता है कि इस दिन चंद्रमा की चांदनी का प्रकाश खीर पर पड़ना चाहिए। वहीं दूसरे दिन सुबह स्नान करके खीर का भोग अपने घर के मंदिर में लगाकर कम से कम तीन ब्राह्मणों को खीर प्रसाद के रूप में देकर परिवार में बांटी जाती है। इस प्रसाद को ग्रहण करने से अनेक प्रकार के रोगों से छुटकारा मिलता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने गोपियों के साथ महारास रचा था।
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