Hindi Newsधर्म न्यूज़Shanichari Amavasya 2023 Upay to Please shanidev: People of these 5 zodiac signs must do this work on Mauni Amavasya

Shanichari Amavasya 2023: इन 5 राशियों पर शनि की टेढ़ी नजर, कल शनिचरी अमावस्या पर जरूर करें ये आसान उपाय

Shanichari Amavasya 2023 Kab hai: शनिवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को शनिचरी अमावस्या कहा जाता है। साल की पहली शनिचरी अमावस्या पांच राशि के जातकों के लिए खास है। आप भी जान लें महत्व-

Saumya Tiwari लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 21 Jan 2023 06:02 AM
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Shani Amavasya 2023 Upay: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर महीने एक अमावस्या व एक पूर्णिमा तिथि आती है। अमावस्या तिथि हर महीने की पंद्रहवीं तिथि होती है। अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित मानी गई है। माघ माह में आने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है। मौनी अमावस्या के दिन इस साल शनिवार होने के कारण इसका महत्व कई गुना बढ़ रहा है। इस साल माघी अमावस्या या मौनी अमावस्या या शनिचरी अमावस्या 21 जनवरी 2023, शनिवार को है।

अमावस्या के दिन दान-स्नान का विशेष महत्व-

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनिवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या बेहद खास मानी गई है। इस दिन स्नान-दान का विशेष महत्व है। शनिचरी अमावस्या के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बनने के कारण इस दिन का महत्व दोगुना बढ़ रहा है। मान्यता है कि इस दिन शनि संबंधित उपायों को करने से शनिदेव का अशुभ प्रभाव कम होता है।

इन राशियों पर शनि की तिरछी नजर-

वर्तमान में शनि कुंभ राशि में हैं। शनि के कुंभ राशि में होने से मकर, कुंभ व मीन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव है। कर्क व वृश्चिक राशि वालों पर शनि ढैय्या का प्रभाव है। शनि के प्रकोप से बचाव के लिए शनिचरी अमावस्या का दिन खास है। ऐसे में इन पांच राशि के जातकों को शनिचरी अमावस्या के दिन शनिदेव से संबंधित उपाय करने चाहिए।

ग्रहों की स्थिति-

राहु मेष राशि में, मंगल वृषभ राशि में, केतु तुला राशि में, बुध व चंद्रमा धनु राशि, शुक्र व सूर्य मकर राशि में, शनि कुंभ राशि में गोचर में चल रहे हैं। गुरु मीन राशि में विराजमान हैं। शनि के अपनी स्वराशि कुंभ में होना शुभ माना जा रहा है।

शनिदोष से मुक्ति के सरल उपाय-

सूर्यास्त के बाद पीपल के वृक्ष के पास दीपक जलाएं।
शनिदेव को तेल अर्पित करें और पूजन करें।
पीपल के वृक्ष को जल चढ़ाएं और पूजा करें इसके बाद सात परिक्रमा करें।
हर शनिवार सुबह-सुबह स्नान आदि कर्मों से निवृत्त होकर तेल का दान करें।
हनुमानजी को सिंदूर और चमेली का चढ़ाएं।
शनि चालीसा का पाठ करें।

इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। 

 

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