शनि के मकर में जानें से कन्या राशि वालों के आय के साधन बनेंगे, सिंह राशि वाले इस बात का ध्यान रखें
आषाढ़ शुक्ल पक्ष चतुर्दशी तिथि 12 जुलाई 2022 दिन मंगलवार की रात में 4:00 बजे के बाद से ग्रहों में न्यायाधीश की पदवी प्राप्त । शनि देव का वक्री गति से गोचरीय संचरण अपनी दूसरी राशि कुंभ से अपनी पहली राश
आषाढ़ शुक्ल पक्ष चतुर्दशी तिथि 12 जुलाई 2022 दिन मंगलवार की रात में 4:00 बजे के बाद से ग्रहों में न्यायाधीश की पदवी प्राप्त । शनि देव का वक्री गति से गोचरीय संचरण अपनी दूसरी राशि कुंभ से अपनी पहली राशि मकर में होने जा रहा है । यहां पर भी यह स्वराशि के होकर के अपना प्रभाव स्थापित करेंगे । ऐसे में अपना संपूर्ण प्रभाव स्थापित कर पाने में सफल होंगे। यद्यपि कि वक्री होने के कारण इनके प्रभावों में उतार - चढ़ाव भी देखने को मिलेगा । यहां पर कर्क लग्न से कन्या लग्न तक के लोगो पर निम्न प्रभाव पड़ेगा।
कर्क लग्न :- कर्क लग्न के लिए शनि सप्तम एवं अष्टम के कारक ग्रह होकर सप्तम भाव मे स्वगृही होकर गोचर करेंगे। ऐसे में व्यापारिक साझेदारी में वृद्धि, नयी योजनाओं का क्रियान्वयन हो सकता है। यद्यपि की मानसिक चिंता में वृद्धि भी हो सकती है परंतु आर्थिक गतिविधियों के लिए समय अनुकूल बना रहेगा। भाग्य में अवरोध या कार्यो में व्यवधान उत्पन्न कर सकते है । शनि की दृष्टि प्रभाव से पिता को कष्ट भी हो सकता है। दाम्पत्य जीवन एवं प्रेम संबंधों के लिए समय अनुकूल बना रहेगा। नए सम्बन्धो का जन्म भी हो सकता है। माता के स्वास्थ्य को लेकर भी मानसिक चिंता में वृद्धि हो सकती है। गृह एवं वाहन के सुख पर खर्च होगा। नए वाहन ,जमीन जायदाद की खरीदारी भी इस वर्ष होने की पूर्ण संभावना है।
उपाय :- काला तिल एवं गुण मिलाकर गोधुल समय पीपल के वृक्ष के नीचे चींटीयो को खिलाते रहें।
सिंह लग्न : - सिंह लग्न के लोगों के लिए शनि देव षष्टेश एवं सप्तमेश होकर षष्ट भाव मे स्वगृही होकर विद्यमान रहेंगे। शनि की यह स्थिति सिंह लग्न के लिए जहाँ रोग ,कर्ज एवं शत्रुओं को पराजित करने के लिए सकारात्मक प्रभाव में रहेंगे तो दाम्पत्य औऱ व्यय की दृष्टि से नकारात्मक प्रभाव भी उत्पन्न करने वाले होंगे। 13 जुलाई से वर्ष भर अर्थात वर्ष 2022 में शनि सिंग लग्न के जातको के लिए प्रतियोगिता में सफलता प्रदान करने के लिए सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करेंगे। पुराने रोगों का शमन करेंगे। कर्ज से भी मुक्ति दिलाने में मददगार साबित होने वाले है। परंतु पेट और पैर के रोग से परेशान भी करेंगे। अचानक प्रदेश या विदेश की यात्रा धार्मिक या व्यापारिक गतिविधियों के लिए करा सकते है। आँखों के लिए भी समय तनाव पूर्ण है। भाई बंधुओं मित्रो को लेकर भी थोड़ा तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न कर सकते है। दाम्पत्य जीवन ,प्रेम संबंध में खर्च वृद्धि के कारण तनाव भी हो सकता है।
उपाय :- शनिवार के दिन भगवान भोले नाथ को काला तिल अर्पित करते रहें।
कन्या लग्न :- मकर राशि मे गोचरवत शनि देव पंचम भाव में 13 जुलाई से पंचम एवं षष्ठ भाव के कारक होकर विद्यमान रहेंगे।पंचमेश होकर पंचम भाव मे ही स्वगृही योग कारक होकर विद्यमान रहेंगे। फलतः विद्या अध्ययन के लिए , डिग्री लेने के लिए समय अनुकूलप्रद बना रहेगा। संतान के क्षेत्र में भी सकारात्मक प्रगति प्रदान करेंगे। दाम्पत्य जीवन एवं प्रेम संबंधों के लिए शनि की यह स्थिति थोड़ा प्रतिकूल फल प्रदान करने वाला है। आय एवं लाभ के लिए भी समय उत्तम फल प्रदायक है परंतु तनाव अवश्य होगा। शत्रुओं पर बढ़त बनाने में शनिदेव पूर्ण मदद करेंगे। वाणी में तीव्रता, दाँत की सामान्य समस्या के साथ अचानक खर्च की भी स्थिति उत्पन्न होगी।
उपाय :- सरसों तेल में बनी पूड़ी गाय को शनिवार के दिन खिलाते रहें।
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