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शनि गए मकर राशि में, कुंभ राशि वालों के लिए बहुत शुभ, मीनराशि वाले पीपल के पेड़ के पास चींटियों को खिलाएं

ग्रहों में सर्वाधिक काल तक एक राशि में गोचर करने वाले, मंद गति से चलने वाले एवं तीव्र प्रभाव स्थापित करने वाले न्यायाधीश शनिदेव का गोचरीय संचरण अपनी दूसरी राशि कुंभ से अपनी पहली राशि मकर में 12 जुलाई

Anuradha Pandey लाइव हिन्दुस्तान टीम, नई दिल्लीFri, 15 July 2022 06:39 AM
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ग्रहों में सर्वाधिक काल तक एक राशि में गोचर करने वाले, मंद गति से चलने वाले एवं तीव्र प्रभाव स्थापित करने वाले न्यायाधीश शनिदेव का गोचरीय संचरण अपनी दूसरी राशि कुंभ से अपनी पहली राशि मकर में आ गए हैं। 13 जुलाई 2022 के सूर्योदय के साथ ही शनिदेव अपना संपूर्ण प्रभाव मकर राशि में रहकर ही स्थापित कर रहे हैं । जहाँ शनि देव 22 अक्टूबर 2022 तक वक्री गति से एवं 23 अक्टूबर से 17 जनवरी 2023 तक मार्गी गति से संचरण करते हुए प्रत्येक व्यक्ति सहित चराचर जगत पर अपना प्रभाव स्थापित करेंगे । ऐसी स्थिति में मकर, कुंभ और मीन लग्न वालों पर निम्न प्रभाव स्थापित करेंगे।

मकर लग्न :- मकर लग्न में शनि लग्न एवं धन के कारक होते हैं। ऐसे में शनि शुभफल प्रदायक ग्रह के रूप में प्रभाव स्थापित करते हैं। 13 जुलाई 2022 से शनि देव  फिर मकर राशि मे लग्न भावस्थ होकर प्रभाव स्थापित कर रहे हैं। लग्नेश का स्वगृही होना बड़ी बात होती है। शश नामक पंच महापुरुष योग का निर्माण करके प्रभाव स्थापित करेंगे। ऐसे में मनोबल उच्च का बना रहेगा। स्वास्थ्य उत्तम बना रहेगा। सामाजिक, पद प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। नेतृत्व क्षमता में वृद्धि होगा। विचारों में उच्चता बनी रहेगी। परंतु जिद्द में वृद्धि होने के कारण दाम्पत्य जीवन मे तनाव उत्पन्न हो सकता है। प्रेम संबंधों में टकराव की स्थिति होती रहेगी। साझेदारी को लेकर भी अवरोध या तनाव की स्थिति आ सकती है। पराक्रम में वृद्धि , भाई बहनों मित्रों का सहयोग सानिध्य में अवरोध उत्पन्न होगा। शनि की दृष्टि दशम भाव तुला राशि पर होने के कारण सम्मान में वृद्धि, नौकरी में वृद्धि एवं परिवर्तन की भी संभावना बनेगा, रोजगार के साधनों में भी प्रगति होगा। 
उपाय :- मूल कुंडली के अनुसार नीलम रत्न धारण करना लाभदायक होगा।

कुम्भ लग्न :- कुम्भ लग्न के लोगों के लिए भी लग्नेश होने के कारण शनिदेव परम राजयोग कारक ग्रह होते है। यद्यपि की व्ययेश भी होते हैं परंतु लग्नेश होने के लाभ प्रदायक के रूप में प्रभाव स्थापित करते है। 13 जुलाई से वर्ष 2022 के अंत तक मकर राशि मे द्वादश भावस्थ होकर गोचरीय संचरण करेंगे फलतः व्यय में अधिकता बनी रहेगी। घर से दूरी, बड़ी यात्रा के भी आसार बनेंगे। व्यापारिक या रोजगार के लिए प्रदेश या विदेश की भी यात्रा की संभावना बनेगी। शनि की दृष्टि द्वितीय भाव पर होगा ऎसे में वाणी में तीव्रता ,पारिवारिक तनाव में वृद्धि, अचानक धन खर्च में वृद्धि होगा। पुराना रोग का शमन होगा। कर्ज से मुक्ति के आसार बनने के साथ शत्रु भी पराजित होंगे। भाग्य भाव पर दृष्टि भाग्य में वृद्धि ,पिता के सहयोग सानिध्य में वृद्धि होगा। किये गए परिश्रम का पूर्ण फल प्राप्त होगा। प्रतियोगिता में सफलता की दृष्टि से 13 जुलाई से वर्ष 2022 उत्तम वर्ष के रूप में साबित होगा।
उपाय :- मूल जन्म कुण्डली के अनुसार शनि का उपाय करे।

★मीन लग्न :- मीन लग्न वालों के लिए शनि देव शुभ कारक ग्रह के रूप में कार्य नही करते हैं। अपनी स्थिति के अनुसार शुभ या अशुभ फल प्रदान करते हैं। 13 जुलाई से शनि देव मीन लग्न वालों के लिए लाभ भाव मे लाभेश होकर ही गोचरीय संचरण करते रहेंगे । ऐसे में परिश्रम के फल में संपूर्णता प्रदान करते हुए आर्थिक लाभ प्रदान करेंगे। व्यापारिक विस्तार के लिये समय अनुकूल बना रहेगा साथ ही व्यापारिक गतिविधियों में विस्तार के लिए अचानक खर्च का माहौल भी बन जायेगा। पंचम भाव पर दृष्टि पड़ने के कारण संतान को लेकर तनाव पूर्ण स्थिति उत्पन्न हो सकती है। विद्या में अवरोध या तनाव सम्भव है इस वर्ष। लग्न भाव पर दृष्टि पड़ने से मानसिक चिंतन एवं व्यग्रता में वृद्धि, स्वास्थ्यगत समस्या के योग भी बनेंगे। अष्टम भाव पर दृष्टि पड़ने के कारण पेट व पैर की समस्या,  पेशाब से सम्बंधित समस्या मानसिक चिन्ता में वृद्धि प्रदायक होगा।
उपाय :- शनिवार के दिन काला तिल और गुण मिलाकर गोधुल समय पीपल के वृक्ष के पास चींटियों को खिलाते रहें।

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