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Shani Pradosh Vrat 2023: शनि प्रदोष व्रत आज, जानें शिव पूजन शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व महत्व

Shani Pradosh Vrat 2023: शनि प्रदोष व्रत का विशेष महत्व शास्त्रों में वर्णित है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से पुत्र धन की प्राप्ति होती है। जानें इस व्रत का महत्व व शिव पूजन का समय-

Saumya Tiwari लाइव हिन्दु्स्तान टीम, नई दिल्लीSat, 4 March 2023 05:13 AM
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Shani Pradosh Vrat 2023: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत अत्यंत शुभ माना गया है। हर महीने दो प्रदोष व्रत पड़ते हैं जिसमें एक शुक्ल पक्ष और एक कृष्ण पक्ष। शनिवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है। प्रदोष व्रत का पूजन प्रदोष काल में करना बेहद शुभ माना जाता है। कहते हैं कि जब त्रयोदशी तिथि और प्रदोष साथ-साथ होते हैं तो शिव पूजन बेहद शुभफलदायी होता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, शनि की साढ़ेसाती व शनि ढैय्या से पीड़ित जातकों को शनि प्रदोष व्रत करने से शनि प्रकोप से राहत मिलती है। इस बार शनि प्रदोष व्रत 04 मार्च 2023 को है। 

शनि प्रदोष व्रत 2023 शुभ मुहूर्त-

हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 04 मार्च को सुबह 11 बजकर 43 मिनट पर प्रारंभ होगी जो कि 05 मार्च को दोपहर 02 बजकर 07 मिनट पर समाप्त होगी। 

प्रदोष काल में करें शिवपूजन-

प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव का पूजन प्रदोष काल में करना अत्यंत लाभकारी माना गया है। कहते हैं कि ऐसा करने से महादेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। 04 मार्च को शनि प्रदोष व्रत के दिन शिव पूजन का सबसे उत्तम समय शाम 06 बजकर 23 मिनट से रात 08 बजकर 51 मिनट पर समाप्त होगी।

शनि प्रदोष व्रत पूजन विधि-

शनि प्रदोष के दिन सूर्य उदय होने से पहने उठें और स्नान के बाद स्वच्छ कपड़े धारण करें। गंगा जल से पूजा स्थल को शुद्ध करें। इसके बाद भगवान शिव को बेलपत्र, अक्षत, चंदन, दीप, धूप, गंगाजल आदि अर्पित करें। इसके बाद ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। इसके बाद भगवान शिव का जलाभिषेक करें। 

शनि प्रदोष व्रत का महत्व-

मान्यता है कि शनि प्रदोष व्रत करने से जातक को लंबी आयु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके साथ ही भगवान शिव के साथ शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है। मान्यता है कि प्रदोष व्रत करने से भक्त के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और अंत में मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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