Hindi Newsधर्म न्यूज़Shani Pradosh Vrat 2023: 15 July Pradosh fast know shubh muhurat puja vidhi and importance of Shiva worship

Shani Pradosh Vrat 2023: शनि प्रदोष व्रत आज, जानें शिव पूजन का सबसे उत्तम मुहूर्त, पूजा विधि व महत्व

Shani Pradosh Vrat 2023 Muhurat: शनि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के साथ शनिदेव की अराधना की जाती है। मान्यता है कि शनि प्रदोष व्रत के दिन दोनों देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

Saumya Tiwari लाइव हिन्दु्स्तान टीम, नई दिल्लीSat, 15 July 2023 06:16 AM
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Shani Pradosh Vrat 2023: शास्त्रों में प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित बताया गया है। यूं तो हर महीने दो प्रदोष व्रत पड़ते हैं जिसमें एक शुक्ल पक्ष और एक कृष्ण पक्ष। लेकिन सावन मास में पड़ने वाले प्रदोष व्रत का महत्व बढ़ जाता है। दरअसल सावन व प्रदोष व्रत दोनों ही भोलेनाथ को अतिप्रिय हैं। इस साल सावन के दूसरे शनिवार को शनि प्रदोष व्रत का शुभ संयोग बन रहा है। इस दिन मासिक शिवरात्रि भी है।

शनिवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है। प्रदोष व्रत का पूजन प्रदोष काल में करना बेहद शुभ माना जाता है। कहते हैं कि जब त्रयोदशी तिथि और प्रदोष साथ-साथ होते हैं तो शिव पूजन बेहद शुभफलदायी होता है। पंडितों का मानना है कि शनि प्रदोष व्रत के दिन शिव पूजन से शनि ढैय्या व साढ़ेसाती जातकों को शनि के अशुभ प्रभावों से राहत मिलती है। इस बार शनि प्रदोष व्रत 15 जुलाई 2023, शनिवार को है। 

शनि प्रदोष व्रत 2023 शुभ मुहूर्त-

हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन कृष्ण त्रयोदशी 14 जुलाई को रात 07 बजकर 17 मिनट से शुरू होगी और 15 जुलाई को रात 08 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगी। प्रदोष काल 15 जुलाई को मान्य होगा। 

प्रदोष काल में करें शिवपूजन-

प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव का पूजन प्रदोष काल में करना अत्यंत लाभकारी माना गया है। कहते हैं कि ऐसा करने से महादेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। 15 जुलाई को शनि प्रदोष व्रत के दिन शिव पूजन का सबसे उत्तम समय 07:21 पी एम से 08:22 पी एम तक रहेगा।

शनि प्रदोष व्रत पूजन विधि-

शनि प्रदोष के दिन सूर्य उदय होने से पहने उठें और स्नान के बाद स्वच्छ कपड़े धारण करें। गंगा जल से पूजा स्थल को शुद्ध करें। इसके बाद भगवान शिव को बेलपत्र, अक्षत, चंदन, दीप, धूप, गंगाजल आदि अर्पित करें। इसके बाद ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। इसके बाद भगवान शिव का जलाभिषेक करें। 

शनि प्रदोष व्रत का महत्व-

शास्त्रों के अनुसार, शनि प्रदोष व्रत करने से मनुष्य को लंबी आयु के साथ सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। भगवान शिव के साथ शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है। मान्यता है कि प्रदोष व्रत करने से भक्त के सभी दुख दूर हो जाते हैं और अंत में वह सभी सुखों को भोगकर मोक्ष प्राप्त करता है।

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