शनिवार को करें शनिदेव की ये आरती, अशुभ प्रभावों से मिलेगी मुक्ति
shani dev ki aarti : धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है। इस दिन विधि- विधान से शनिदेव की पूजा- अर्चना की जाती है। शनिदेव के अशुभ प्रभावों से जहां व्यक्ति को जीवन में क
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है। इस दिन विधि- विधान से शनिदेव की पूजा- अर्चना की जाती है। शनिदेव के अशुभ प्रभावों से जहां व्यक्ति को जीवन में कई तरह की समस्याओं की सामना करना पड़ता है तो वहीं शुभ होने पर व्यक्ति का सोया भाग्य भी जाग जाता है। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार को शनिदेव की आरती जरूर करें। हिंदू धर्म में भगवान की आरती करने का बहुत अधिक महत्व होता है। भगवान की आरती करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। आगे पढ़ें शनिदेव की आरती-
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥
जय जय श्री शनि देव....
श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी।
नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥
जय जय श्री शनि देव....
क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥
जय जय श्री शनि देव....
मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥
जय जय श्री शनि देव....
देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥
जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।।
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