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Moonrise time , Chand kab niklega : जानें आज करवा चौथ पर यूपी, राजस्थान, बिहार, एमपी में चांद निकलने का समय

Chand kitne baje niklega , Moon Rise Time : करवा चौथ पर महिलाएं चंद्र दर्शन के बाद ही व्रत तोड़ती हैं। चांद निकलने का महिलाओं को बेसब्री से इंतजार होता है। यूपी में चांद रात 8 बजे के आसपास दिखाई देगा।

Pankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 1 Nov 2023 07:52 PM
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Chand kitne baje niklega , Karwa Chauth Moon Rise Time 2023 : पति की लंबी उम्र के लिए आज सुहागिनें ने करवा चौथ का व्रत रखा है। हिंदू धर्म में सुहागिन महिलाएं कई तरह के व्रत करती हैं लेकिन करवा चौथ का अपना विशेष स्‍थान है। करवा चौथ व्रत के दिन करवा माता की पूजा के बाद व्रत रखने वाली महिलाओं को चांद के दीदार का इंतजार है। सुहागिन महिलाएं दिनभर बिना अन्न और जल के उपवास पर हैं। चांद देखने के बाद ही सुहागिनें व्रत तोड़ेंगी। हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन करवा चौथ का व्रत रखा जाता है। कुछ ही देर में चांद नजर आएगा। आइए जानते हैं उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में कितने बजे चंद्रदर्शन होंगे - 

यूपी में चांद दिखने का समय ( Moon Rise Time In UP )
चांद कब निकलेगा-
नोएडा में चांद 08 बजकर 16 मिनट पर निकलेगा।
गाजियाबाद में चांद 08 बजकर 14 मिनट पर नजर आएगा।
लखनऊ: रात 08 बजकर 05 मिनट पर
कानपुर: रात 08 बजकर 08 मिनट पर
प्रयागराज: रात 08 बजकर 05 मिनट पर
मेरठ- रात 8.12 बजे
मथुरा- रात 8.18 बजे
अलीगढ़- रात 8.14 बजे
झांसी : रात 08 बजकर 20 मिनट पर
आगरा : रात 08 बजकर 16 मिनट पर
बरेली : रात 08 बजकर 07 मिनट पर
गोरखपुर : रात 07 बजकर 55 मिनट पर
वाराणसी : रात 08 बजे
अयोध्या : रात 7 बजकर 59 मिनट पर
चित्रकूट : रात 08 बजकर 11 मिनट पर
मुरादाबाद : रात 08 बजकर 8 मिनट पर
सहारनपुर : रात 08 बजकर 9 मिनट पर
बाराबंकी : रात 08 बजकर 15 मिनट पर
हाथरस : रात 08 बजकर 15 मिनट पर
मैनपुरी : रात 08 बजकर 11 मिनट पर
सुल्तानपुर : रात 08 बजकर 02 मिनट पर
रायबरेली : रात 08 बजकर 05 मिनट पर

औरैया : रात 08 बजकर 09 मिनट पर
आजमगढ़ : रात 07 बजकर 58 मिनट पर
बागपत :  रात 08 बजकर 14 मिनट पर
बहराइच  :  रात 08 बजकर 14 मिनट पर
बलिया : रात 08 बजकर 00 मिनट पर
बांदा : रात 08 बजकर 11 मिनट पर
बाराबंकी : रात 08 बजकर 15 मिनट पर
भदोही: रात 08 बजकर 02 मिनट पर
बिजनौर: रात 08 बजकर 09 मिनट पर
शाहजहांपुर: रात 08 बजकर 06 मिनट पर
बुलंदशहर: रात 08 बजकर 13 मिनट पर
चंदौली: रात 07 बजकर 59 मिनट पर
देवरिया: रात 07 बजकर 54 मिनट पर
एटा : रात 08 बजकर 12 मिनट पर
इटावा: रात 08 बजकर 13 मिनट पर
फैजाबाद : रात 08 बजकर 00 मिनट पर
फर्रुखाबाद : रात 08 बजकर 10 मिनट पर
फतेहपुर : रात 08 बजकर 08 मिनट पर
फिरोजाबाद : रात 08 बजकर 14 मिनट पर
गाजीपुर : रात 7 बजकर 57 मिनट पर
गोंडा: रात 08 बजकर 00 मिनट पर
हाथरस: रात 08 बजकर 15 मिनट पर
जालौन: रात 08 बजकर 13 मिनट पर
जौनपुर: रात 07 बजकर 57 मिनट पर
झांसी: रात 08 बजकर 20 मिनट पर
कन्नौज: रात 08 बजकर 08 मिनट पर
कौशाम्बी: रात 08 बजकर 07 मिनट पर
लखीमपुर खीरी: रात 08 बजकर 02 मिनट पर
मुजफ्फरनगर : रात 08 बजकर 10 मिनट पर
पीलीभीत: रात 08 बजकर 03 मिनट पर
श्रावस्ती: रात 07 बजकर 58 मिनट पर
सिद्धार्थ नगर : रात 07 बजकर 55 मिनट पर
सीतापुर: रात 08 बजकर 04 मिनट पर 
सोनभद्र: रात 08 बजकर 03 मिनट पर
उन्नाव : रात 08 बजकर 07

बिहार में चांद निकलने का समय
पटना - शाम 7.51 बजे
गया -  शाम7.53 बजे
बेगूसराय -  शाम 7. 53 बजे
दरभंगा - शाम 7.46 बजे
मुजफ्फरपुर - शाम 7.48 बजे
भागलपुर - शाम 7.44 बजे

राजस्थान में चांद निकलने का समय
जोधपुर- रात 8: 26 बजे चांद निकलेगा
उदयपुर- रात 8: 41 बजे चांद निकलेगा
जयपुर – रात 8: 26  बजे चांद निकलेगा
कोटा में रात 8:23 बजे चांद निकलेगा
बीकानेर में रात 8:27 बजे चांद निकलेगा
अलवर में रात 8:13 बजे चांद निकलेगा
झुंझुनूं में रात 8:18 बजे चांद निकलेगा
सीकर में रात 8:20 बजे चांद निकलेगा

मध्य प्रदेश में चांद निकलने का समय
भोपाल - 8:29
इंदौर- 8 :37
ग्वालियर- 8:36
उज्जैन- 8:36
जबलपुर- 8:19
सागर- 8:22
रत्लाम- 8:39
छत्तरपुर- 8:16
भिंड- 8:11

प्रमुख शहर

नई दिल्ली - रात 8:15 बजे
नोएडा- रात 8:14 बजे
गुरुग्राम- रात 8:16 बजे
मुंबई - रात 8:59 बजे
चेन्नई- रात 8:43 बजे
कोलकाता- शाम 7:46 बजे
चंडीगढ़ - रात 8:10 बजे
हिमाचल प्रदेश - रात 8:07 बजे
पणजी- रात 9:04 बजे

झारखंड में कब निकलेगा चांद
रांची में चांद 7 बजकर 56 मिनट पर दिखाई देगा
जमशेदपुर में चांद 7 बजकर 54 मिनट पर दिखाई देगा
बोकारो में चांद 7 बजकर 52 मिनट पर दिखाई देगा.   
देवघर में चांद 6 बजकर 47 मिनट पर दिखाई देगा
धनबाद में चांद 7 बजकर 50 मिनट पर दिखाई देगा
कोडरमा में चांद 7 बजकर 52 मिनट पर दिखाई देगा   
साहिबगंज में चांद 7 बजकर 42 मिनट पर दिखाई देगा।

करवा चौथ के दिन सर्वार्थ सिद्धि और शिव योग का संयोग बन रहा है। सुबह 06:33 बजे से  2 नवंबर को सुबह 04:36 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। इसके अलावा इस दिन शिव योग का भी संयोग बन रहा है।

रात में चांद निकलने पर क्या करें
- चंद्रमा पूजा के लिए थाली में थलनी अर्ध्य के लिए करवे में जल, व्रत खोलने के लिए पानी और मिठाई होनी चाहिए।
- चंद्रमा को प्रणाम करें। अर्ध्य दें। फिर चंदन, अक्षत, फूल, रोली और अन्य पूजा सामग्री चढ़ाई।
- पति को तिलक लगाकर पैर छुएं। मिठाई खिलाएं। उनके हाथों से पानी पिएं।
- थाली में रखी सुहाग की सामग्री सास या घर की बुजुर्ग को दे दें। उन्हें प्रणाम करते हुए करवा भेंट करें और आशीर्वाद लें।

Karwa Chauth Vrat Katha: पढ़ें करवा चौथ व्रत कथा
Karwa Chauth Vrat Katha: एक साहूकार था। उसके 7 लड़के और 1 लड़की थी।  सात भाइयों की अकेली बहन करवा सब की लाडली थी। सभी भाई अपनी बहन को बहुत स्नेह करते थे। साथ में बैठाकर भोजन कराते थे। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर सेठानी, उसकी बहुओं और बेटी ने करवा चौथ का व्रत रखा था। रात के दौरान साहूकार के लड़के भोजन करने लगे तो उन्होंने अपनी बहन से भी भोजन करने का आग्रह किया। फिर बहन ने अपने भाई को बताया की आज उसने करवा चौथ का व्रत रखा है और चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही व्रत का पारण कर सकती है। भाइयों से अपनी बहन की ये हालत देखी नहीं जा रही थी। फिर सबसे छोटा भी दूर पेड़ पर एक दीपक जलाकर चलनी की ओट में रख देता है। वो दीपक ऐसा प्रतीत होता जैसे की चतुर्थी का चांद हो। उसे देख कर सातों भाइयों की एकलौती बहन अर्घ्‍य देकर भोजन करने बैठ जाती है। जैसे ही वह पहला टुकड़ा मुंह में डालती है, उसे छींक आ जाती है। दूसरा टुकड़े में बाल निकल आता है और तीसरा टुकड़ा मुंह में डालती है तभी पति के मौत की खबर उसे मिलती है। वह बेहद दुखी हो जाती है।

तब उसकी भाभी सच्चाई बताती है कि उसके साथ ऐसा क्यों हुआ। व्रत गलत तरीके से टूटने के कारण देवता उससे नाराज हो गए हैं। इस पर करवा संकल्प लेती है कि वह अपने पति का अंतिम संस्कार नहीं करेगी और अपने सतीत्व से उन्हें पुनर्जीवित करके रहेगी। वह पूरे एक साल तक अपने पति के शव के पास बैठी रहती है और देखभाल करती है। उसके ऊपर उगने वाली सूईनुमा घास को वह इकट्ठा करती जाती है।

एक साल बाद फिर चौथ का दिन जब आता है तब वह व्रत रखती है और शाम को सुहागिनों से अनुरोध करती है कि 'यम सूई ले लो, पिय सूई दे दो, मुझे भी अपनी जैसी सुहागिन बना दो' लेकिन हर कोई मना कर देती है। आखिर में एक सुहागन उसकी बात मान लेती है। इस तरह से उसका व्रत पूरा होता है और उसके सुहाग को नए जीवन का आशीर्वाद मिलता है। 

इन सामग्री का विशेष महत्व
- करवा मिट्टी के करवे में पंचतत्व, विशेष तौर पर वायु और जल सम्मिश्रण रहता है जो मन को नियंत्रित करने का अनुक्रम बनाता है।
- दीपक दीपक की ज्योति वातावरण को आलोकित करती है, वैसे ही हमारे जीवन में भी प्रेम-स्नेह और सामंजस्य का प्रकाश विद्यमान रहे।

- छलनी चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद इसका उपयोग किया जाता है ताकि चंद्रमा की सीधी किरणें सौभाग्यवती स्त्रत्त्ी पर न पड़ें।
- अक्षत अक्षत यानी जिसकी क्षति न हुई हो, परमेश्वर से अक्षत की तरह ही अपनी पूजा को क्षतिहीन बनाने की प्रार्थना की जाती है।
- कुमकुम सौभाग्य सामग्री का विशेष प्रतीक है। यह शरीर को आंतरिक सुंदरता प्रदान करके चेहरे पर चमक देता है।

- अबीर पुष्प के चूर्ण से बना श्वेत रंग का अबीर परिवार में प्रसन्नता के लिए अर्पित किया जाता है।
- गुलाल निरंतर मंगलकामनाओं के साथ मांगलिक कार्य परिवार में होता रहे, इस दृष्टि से अर्पित किया जाता है।
- पूजन सामग्री चंदन, शहद, अगरबत्ती, पुष्प, कच्चा दूध, शक्कर, शुद्ध घी, दही

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