Hindi Newsधर्म न्यूज़Mokshada Ekadashi 2021 : Today vrat will give freedom from disorders sins

मोक्षदा एकादशी 2021 : आज का व्रत दिलाएगा विकारों, विकर्मों और पापों से मुक्ति, भगवान विष्णु होंगे प्रसन्न

मोक्षदा का अर्थ है मोक्ष दायक। एकादशी अर्थात एक ही दशा और स्थिति में रहना। व्रत यानी किसी भी शुभ कार्य व धार्मिक अनुष्ठान का विधिपूर्वक पालन करने का दृढ़ संकल्प करना। इन्ही संकल्प और भावनाओं के साथ...

ब्रह्माकुमारी नई दिल्लीTue, 14 Dec 2021 09:01 AM
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मोक्षदा का अर्थ है मोक्ष दायक। एकादशी अर्थात एक ही दशा और स्थिति में रहना। व्रत यानी किसी भी शुभ कार्य व धार्मिक अनुष्ठान का विधिपूर्वक पालन करने का दृढ़ संकल्प करना। इन्ही संकल्प और भावनाओं के साथ मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष एकादशी को विशेष व्रत रखा जाता है, जिसे मोक्षदा एकादशी व्रत कहते हैं। इससे व्यक्ति को सारे विकारों, विकर्मों और पापों से मुक्ति मिलती है। वह गुणवान, धनवान, ऊर्जावान और ऐश्वर्यवान बन जाता है।

इसी दिन कुरुक्षेत्र की युद्धभूमि में विषादग्रस्त और कर्म से विमुख अर्जुन को भगवान ने गीता का उपदेश दिया था, जिससे अर्जुन के सभी प्रश्नों, संशयों और मोह का समाधान हुआ। उसे सांसारिक आसक्ति, अशक्ति से मुक्ति तथा मोक्ष मिला।

मोक्षदा एकादशी के दिन श्रद्धापूर्वक भगवान विष्णु की आराधना की जाती है। घर की शुभता, धन-संपति और सुख-समृद्धि बढ़ाने हेतु भक्त लोग श्री नारायण के साथ श्री लक्ष्मी कीभी उपासना करते हैं। प्रत्युष काल (भोर) में स्नानादि नित्यकर्मों से निवृत्त होकर श्री लक्ष्मी और सत्यनारायण का शृंगार और उपासना की जाती है। उनके कथा, गुण वर महिमा का पाठ किया जाता है। इस व्रत से सिर्फ एक दिन के लिए नहीं, बल्कि आजीवन पुण्य प्राप्त किया जा सकता है।

सूर्योदय से पहले जग कर, सर्वप्रथम दिव्य ज्योति स्वरूप अपनी अंतरात्मा तथा परमात्मा में मन को स्थित और स्थिर करें। उनके रूहानी ज्ञान और योग रूपी जल में स्नान कर मन, बुद्धि को स्वच्छ, पवित्र करें। उसके बाद, श्री नारायण और श्री लक्ष्मी के दिव्य गुणों, स्वरूप और महिमा का मनन, चिंतन करें तथा उसे जीवन में धारण करने का संकल्प करें। उनके दैवी गुणों के नियमित चिंतन करने और आचरण में ग्रहण करने से वह सब हमारी अंतरात्मा का सूक्ष्म शृंगार बन जाते हैं। तभी तो कहा गया है- नर ऐसी करनी करें, जो वे नर से नारायण समान बनें और नारी ऐसी करनी करें, जो वे नारी से लक्ष्मी समान बन जाएं।

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