30 साल बाद खप्पर योग में पड़ रही है मौनी अमावस्या, ज्योतिषाचार्य से जानें सबकुछ
Mauni Amavasya : माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या मौनी अमावस्या या माघ अमावस्या के रूप में मनाई जाती है। इस साल मौनी अमावस्या 21 जनवरी यानी शनिवार को है। इस दिन मौन व्रत रहकर स्नान करना चाहिए।
माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या मौनी अमावस्या या माघ अमावस्या के रूप में मनाई जाती है। इस साल मौनी अमावस्या 21 जनवरी यानी शनिवार को है। इस दिन मौन व्रत रहकर स्नान करना चाहिए। शहर के गोमती घाट पर भी शनिवार सुबह से ही लोग मौनी अमावस्या पर स्नान करेंगे।
स्वास्तिक ज्योतिष केंद्र के ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि इस साल माघ अमावस्या 21 जनवरी को सुबह 6:17 बजे से शुरू होकर देर रात 2:22 बजे तक रहेगी। शनिवार को अमावस्या तिथि पड़ने के कारण इसे शनिश्चरी अमावस्या भी कहा जाएगा। मौनी अमावस्या पर इस बार बेहद शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ 30 साल बाद खप्पर योग बन रहा है। खप्पर योग शनि के शुभ प्रभाव के लिए किए जाने वाले उपायों के लिए विशेष फलदायी माना जाता है।
उत्थान ज्योतिष संस्थान के ज्योतिर्विद पं. दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली ने बताया कि 17 जनवरी को शनि मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में परिवर्तन कर चुके हैं। इस वक्त मकर राशि में सूर्य और शुक्र की युति और त्रिकोण की जो स्थिति बन रही है। उससे खप्पर योग का निर्माण हो रहा है। खप्पर योग के कारण इस दिन छाया दान, काले तिल का दान, काली उड़द का उपाय, शनि रक्षा कवच का पाठ आदि कर सकते हैं। इससे जिन लोगों पर शनि की वक्र दृष्टि है, उनको लाभ मिलेगा। शनि देव उनके दुखों को दूर करेंगे।
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इस दिन पवित्र नदियों में स्नान आदि कर पूरे दिन मौन रहकर उपवास करते हैं। इस दिन भगवान विष्णु के साथ पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है। प्रयाग में माघ माह की अमावस्या में त्रिवेणी स्नान का विशेष महत्व है। माघ अमावस्या के दिन संगट तट और गंगा पर देवी-देवताओं का वास होता है।
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