Amavasya 2023 : मौनी अमावस्या पर इस बार शनिदेव की बरसेगी कृपा, पितरों का श्राद्ध, तर्पण करने से उत्तम फल
mauni amavasya 2023 puja vidhi shubh muhrat : माघ मास का तीसरा और सबसे मुख्य स्नान पर्व मौनी अमावस्या 21 जनवरी को है। इस दिन लाखों श्रद्धालु संगम समेत गंगा-यमुना के घाटों पर आस्था की डुबकी लगाएंगे।
माघ मास का तीसरा और सबसे मुख्य स्नान पर्व मौनी अमावस्या 21 जनवरी को है। इस दिन लाखों श्रद्धालु संगम समेत गंगा-यमुना के घाटों पर आस्था की डुबकी लगाएंगे। इस बार मौनी अमावस्या शनिवार को होने से श्रद्धालुओं पर शनिदेव की विशेष कृपा बरसेगी। मौनी अमावस्या पर स्नान-दान परम शुभकारी होता है। उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक पंडित दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली के अनुसार अमावस्या तिथि का आरंभ 20 जनवरी शुक्रवार को भोर में 5:09 से आरंभ होगा, जो 21 जनवरी शनिवार को रात में 2:49 तक रहेगी। इसलिए सूर्योदय पूर्व 5:09 बजे से स्नान-दान पुण्यकारी रहेगा।
पितरों का श्राद्ध, तर्पण करने से उत्तम फल
शनिवार के दिन अमावस्या पड़ने के कारण इसे शनैश्चरी अमावस्या अर्थात शनि अमावस भी कहा जाता है। शनैश्चरी अमावस्या में गंगा स्नान करने से पुण्य कई गुना बढ़ जाता है। अमावस्या पर स्नान-दान और पितरों का श्राद्ध तर्पण करने से उत्तम फल की प्राप्ति होगी।
संगम में मौन धारण स्नान फलदायी
पूर्वांचली के अनुसार मौनी अमावस्या पर मौन धारण करके मुनियों के समान आचरण करके स्नान करना फलदायी रहता है। माघ मास में गोचर करते हुए सूर्य जब चंद्रमा के साथ मकर राशि में संचरण करता है तो ज्योतिष शास्त्र में उस काल को मौनी अमावस्या कहा जाता है।
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