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Magh Gupt Navratri : कल से शुरू होंगे गुप्त नवरात्र, बन रहा सर्वार्थसिद्धि योग, 10 महाविद्याओं की होगी पूजा

magh gupt navratri 2024 february date time : इस बार नवरात्रि पर रवियोग और सर्वार्थसिद्धि योग बन रहे हैं, जिससे मां दुर्गा की पूजा-उपासना करने वालों को कई गुना अधिक फल प्राप्त होगा।

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तान टीम, नई दिल्लीFri, 9 Feb 2024 05:50 AM
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Magh Gupt Navratri : मां पीतांबरा ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र के प्रमुख आचार्य ओम शास्त्री ने गुप्त नवरात्रि के पावन पर्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस वर्ष गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 10 फरवरी शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से प्रारंभ होगी और समापन 18 फरवरी को होगा। इस बार नवरात्रि पर रवियोग और सर्वार्थसिद्धि योग बन रहे हैं, जिससे मां दुर्गा की पूजा-उपासना करने वालों को कई गुना अधिक फल प्राप्त होगा।

वर्ष में होती हैं चार नवरात्र- आचार्य ओम शास्त्री ने बताया कि नवरात्र का पर्व बेहद शुभ और पावन होता है। देवी मां के आशीर्वाद की महिमा इतनी दिव्य है कि वह अपने भक्तों के हर संकट और विपदा को मिटा देती हैं। साल में चार नवरात्रि मनाई जाती हैं। यह नवरात्रि चैत्र, आश्विन, अषाढ़ और माघ माह में पड़ती हैं। माघ माह की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है। कलश स्थापना करते समय दुर्गा मां का आह्वान किया जाता है।

गुप्त नवरात्रि पर घटस्थापना का मुहूर्त- शुभ मुहूर्त 10 फरवरी सुबह 8:45 मिनट से लेकर सुबह 10:10 मिनट तक है जिसकी कुल अवधि: 1 घंटा 25 मिनट रहेगी। दूसरा घटस्थापना का शुभ महूर्त दोपहर 12:13 मिनट से लेकर दोपहर 12:58 मिनट तक है जिसकी कुल अवधि 44 मिनट रहेगी।

मां आदि शक्ति के नौ स्वरुपों की गुप्त रुप से पूजा- गुप्त नवरात्रि में मां आदि शक्ति के नौ स्वरुपों की गुप्त रुप से पूजा का विधान है। उक्त जानकारी अरुणमाया ज्योतिष सेवा संस्थान के पंडित बामशंकर झा शास्त्री बमबम ने बताया कि हिन्दू धर्म में नवरात्रि के पर्व का विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार माघ गुप्त नवरात्रि 10 फरवरी शनिवार से प्रारंभ होगी और इसका समापन 18 फरवरी रविवार को होगा। गुप्त नवरात्रि में साधक देवी मां की 10 महाविद्याओं की गुप्त रुप से साधना कर उनका अशीर्वाद प्राप्त करते हैं। उपासकों के लिए यह श्रेष्ठ माना जाता है। इन 10 महाविद्याओं में काली, तारा, छिन्नमस्ता, षोडशी, भुवनेश्वरी, त्रिपुर, भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी या कमला शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इस इलाके के हजारों की संख्या में लोग गुप्त नवरात्रि का पूजा अर्चना करने के लिए असम स्थित कामाख्या मंदिर भी जाते हैं। गुप्त नवरात्रि का श्रद्धालुओं के बीच काफी विशेष महत्व है।

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