Karwa Chauth Moonrise Time: कुछ ही देर में होगा चांद का दीदार, करवा चौथ पर चंद्रदेव की इस विधि से करें पूजा
Karwa Chauth 2020 Moon Rise Time: करवा चौथ का व्रत सुहागिनों के लिए बेहद खास होता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन निर्जला व्रत रखने से पति को लंबी आयु और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस साल करवा चौथ का...
Karwa Chauth 2020 Moon Rise Time: करवा चौथ का व्रत सुहागिनों के लिए बेहद खास होता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन निर्जला व्रत रखने से पति को लंबी आयु और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस साल करवा चौथ का व्रत 4 नवंबर (बुधवार) को है। व्रती महिलाएं व्रत तोड़ने के लिए चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं और पति की लंबी आयु की कामना के लिए व्रत रखती हैं। मान्यता है कि करवा चौथ का व्रत चंद्र दर्शन और अर्घ्य देने के बाद ही पूरा होता है। ऐसे में महिलाओं को करवा चौथ के दिन खास तौर पर चंद्रदर्शन का इंतजार रहता है। हालांकि अब व्रती महिलाओं का यह इंतजार खत्म होने वाला है।
जानिए आपके शहर में कब होंगे चंद्रदेव के दर्शन-
दिल्ली - चंद्रोदय रात 08 बजकर 12 मिनट पर
नोएडा - चंद्रोदय रात 08 बजकर 11 मिनट पर
मुंबई - चंद्रोदय रात 08 बजकर 51 मिनट पर
जयपुर - चंद्रोदय रात 08 बजकर 22 मिनट
हरियाणा- रात 08 बजकर 08 मिनट पर।
लुधियाना- रात 08 बजकर 12 मिनट पर।
लखनऊ- चंद्रोदय रात 08 बजकर 01 मिनट पर।
पुणे- चंद्रोदय रात 08:49 बजे।
कोलकाता- रात 07:40 बजे।
वाराणसी- चंद्रोदय रात 07 बजकर 56 मिनट पर।
प्रयागराज- चंद्रोदय रात 08 बजकर 2 मिनट पर।
गोरखपुर- चंद्रोदय रात 08 बजकर 06 मिनट पर।
कानपुर- चंद्रोदय रात 08 बजकर 04 मिनट पर।
बरेली- चंद्रोदय रात 08 बजकर 03 मिनट पर।
मुरादाबाद- चंद्रोदय रात 8 बजकर 05 मिनट पर।
मेरठ- चंद्रोदय रात 08 बजकर 08 मिनट पर।
अलीगढ़- चंद्रोदय रात 08 बजकर 10 मिनट पर।
आगरा- चंद्रोदय रात 08 बजकर 11 मिनट पर।
मथुरा- चंद्रोदय रात 08 बजकर 12 मिनट पर।
बुलंदशहर- चंद्रोदय रात 08 बजकर 10 मिनट पर।
बिहार- चंद्रोदय रात 07 बजकर 46 मिनट पर।
मुंबई- चंद्रोदय रात 08 बजकर 52 मिनट पर।
चेन्नई- 08:33 बजे शाम।
चंड़ीगढ़- 08:09 बजे शाम।
गुरुग्राम- 08:13 बजे शाम।
बेंगलुरु- 08:44 बजे शाम।
हैदराबाद- 08:32 बजे शाम।
अहमदाबाद: 08:44 बजे शाम।
मुंबई- शाम 07 बजकर 40 मिनट पर।
मध्य प्रदेश- शाम 08 बजकर 32 मिनट पर।
भिवानी- शाम 08 बजकर 16 मिनट तक।
कोलकाता- शाम 07 बजकर 40 मिनट पर।
करवा चौथ व्रत पूजा विधि-
करवा चौथ व्रत में सोलह श्रृंगार किया जाता है। महिलाएं दोपहर में या शाम को कथा सुनती हैं। कथा के लिए पटरे पर चौकी में जलभरकर रख लें। थाली में रोली, गेंहू, चावल, मिट्टी का करवा, मिठाई, बायना का सामान आदि रखते हैं। प्रथम पूज्य गणेश जी की पूजा से व्रत की शुरुआत की जाती है। गणेश जी विघ्नहर्ता हैं इसलिए हर पूजा में सबसे पहले गणेश जी की पूजा की जाती है। इस बात का ध्यान रखें कि सभी करवों में रौली से सतियां बना लें। अंदर पानी और ऊपर ढ़क्कन में चावल या गेहूं भरें। कथा के लिए पटरे पर चौकी में जलभरकर रख लें। थाली में रोली, गेंहू, चावल, मिट्टी का करवा, मिठाई, बायना का सामान आदि रखते हैं। प्रथम पूज्य गणेश जी की पूजा से व्रत की शुरुआत की जाती है। गणेश जी विघ्नहर्ता हैं इसलिए हर पूजा में सबसे पहले गणेश जी की पूजा की जाती है। इसके बाद शिव परिवार का पूजन कर कथा सुननी चाहिए। करवे बदलकर बायना सास के पैर छूकर दे दें। रात में चंद्रमा के दर्शन करें। चंद्रमा को छलनी से देखना चाहिए। इसके बाद पति को छलनी से देख पैर छूकर व्रत पानी पीना चाहिए।
करवा चौथ के लिए 16 श्रृंगार-
लाल रंग की साड़ी या लहंगा (या जो भी आप आउटफिट पहनना चाहें), सिंदूर, मंगलसूत्र, बिंदी, नथनी, काजल, गजरा, मेहंदी, अंगूठी, चूड़ियां, ईयररिंग्स (कर्णफूल), मांग टीका, कमरबंद, बाजूबंद, बिछिया और पायल।
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