Hindi Newsधर्म न्यूज़Kalash Sthapna 2023 Muhurat: Know the kalash Sthapna muhurat of shardiya navratri 2023 and its sthapna vidhi - Astrology in Hindi

Navratri Kalash Sthapna 2023: शारदीय नवरात्रि में इस मुहूर्त में करें घट स्थापना, जानें पूजा सामग्री लिस्ट और विधि

Kalash Sthapna 2023 Muhurat:साल 2023 में सूर्य ग्रहण के साथ शरद नवरात्रि की शुरुआत होने से कलश स्थापना के शुभ मुहूर्त को लेकर लोगों में कनफ्यूजन हो रही है, चलिए घट स्थापना का सही मुहूर्त जानते हैं।

Arti Tripathi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 15 Oct 2023 09:17 AM
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Shardiya Navratri Kalash Sthapana 2023: हिंदू पंचाग के अनुसार, 14 अक्टूबर को भारतीय समय के अनुसार 8 बजकर 34 मिनट से सूर्य ग्रहण शुरू होगा और 15 अक्टूबर को सुबह 2 बजकर 25  मिनट पर समाप्त होगा। वहीं, दूसरी ओर 14 अक्टूबर को ही रात 11 बजकर 24 मिनट पर नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि का भी आरंभ होगा और 15 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 32 मिनट पर तक रहेगा। लेकिन उदया तिथि के अनुसार, 15 अक्टूबर से ही नवरात्रि की शुरुआत होगी। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना का बड़ा महत्व है, लेकिन सूर्य ग्रहण के दौरान नवरात्रि की शुरुआत होने से लोगों में कलश स्थापना के शुभ मुहूर्त को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। चलिए नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और पूजाविधि जानते हैं।

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त: पंचांग के अनुसार, साल 2023 में शारदीय नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि यानी 15 अक्टूबर 2023 को कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 44 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। मान्यता है कि सही मुहूर्त में कलश स्थापित करने से शुभ फल मिलते हैं।

कलश स्थापना पूजा सामग्री: घट स्थापना के लिए कलश, मौली, आम का पत्ता, रोली, सिक्का, गेंहू या अक्षत चाहिए। इसके अलावा जवार बोने के लिए एक मिट्टी का बर्तन, जौ या गेहूं, जल, कलावा और साफ कपड़ा चाहिए। साथ ही अखंड ज्योति प्रज्जवलित करने के लिए दीपक , घी, रोली, चंदन, रूई बत्ती समेत सभी पूजन सामग्री एकत्रित कर लें।

कलश स्थापना की पूजाविधि:

सबसे पहले घर के मंदिर को साफ करें। अब एक छोटी चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं।
इसके बाद मां दुर्गा की प्रतिमा को ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में स्थापित करें।
एक कलश में जल, सुपारी, सिक्का, दुर्वा और लौंग का जोड़ा डालकर रखें।
गणेश जी का ध्यान करते हुए ईशान कोण में ही अब कलश भी माता के प्रतिमा के साथ रखें।
अब आग्नेय कोण में पीले चावल का अष्टदल बनाएं और उसके ऊपर अखंड दीपक रखें।
नवरात्रि के 9 दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा-उपासना करें।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
 

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