Jivitputrika Vrat 2023 date: इस तारीख को है जीवित्पुत्रिका व्रत, इसलिए होती है जीयूतवाहन भगवान की पूजा
ऐसी मान्यता है कि जीउतिया व्रत रखने वाली माताओं की संतान दीर्घायु तो होती ही है साथ उनकी हर तरह की परेशानियां भी समाप्त होती हैं। इस व्रत को बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में खास तौर पर करने की परंपरा
श्राद्ध पक्ष में संतान की लंबी उम्र की कामनाओं के लिए एक व्रत रखा जाता है, जिसे जितिया पर्व कहा जाता है। इस दिन महिलाएं अपनी संतान के चिरंजीवी होने की कामना से निर्जला व्रत रखती हैं। यह व्रत कठिन व्रतों में से एक है, क्योंकि इसमें 36 घंटे से अधिक निर्जला व्रत रखा जाता है। इस साल यह व्रत 6 अक्टूबर को रखा जाएगा। इस व्रत में महिलाए साफ स्थान को पवित्र कर उसमें आसन्न बिछाकर भगवान जीयूतवाहन की पूजा करती हैं और जीवित पुत्रिका व्रत कथा को सुनती हैं। इस व्रत में सतयुग के राजा जीयूतवाहन द्वारा अपनी प्रजा के बच्चों को गरुड़ से बचाने के लिए की गई कोशिश से खुश होकर उन्हें गरुड़ ने यह वरदान दिया था कि ,आज के दिन से जो भी आश्विन माह के कृष्ण पक्ष के अष्टमी तिथि को तुम्हारे कुश की आकृति बनाकर पूजा करेगा उसके बच्चों पर आने वाले सारे संकट टल जाएंगे। तब से ही इस पर्व को हमारे पूर्वज मनाते आ रहे है। इस व्रत में छठ की तरह ही भगवान सूर्य को भी अर्ध्य दिया जाता है। ऐसी मान्यता है कि जो महिलाएं इस व्रत को रखती हैं, उनकी सभी कामना पूरी होती है। ऐसी मान्यता है कि जीउतिया व्रत रखने वाली माताओं की संतान दीर्घायु तो होती ही है साथ उनकी हर तरह की परेशानियां भी समाप्त होती हैं। इस व्रत को बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में खास तौर पर करने की परंपरा है। जीवित्पुत्रिका व्रत को जितिया व्रत भी कहते हैं।
व्रत 05 अक्टूबर से 07 अक्टूबर तक
अष्टमी तिथि 06 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 34 मिनट से
07 अक्टूबर को सुबह 08 बजकर 08 मिनट तक
जितिया व्रत 2023 पारण टाइम- जीवित्पुत्रिका व्रत का पारण 07 अक्टूबर को सुबह 08 बजकर 10 मिनट के बाद
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