Hast Rekha Shastra: हथेली की ये रेखाएं करती है संतान सुख की ओर इशारा, जानें शुभ निशान
भारतीय ज्योतिष परंपरा में हस्तरेखा शास्त्र का बहुत बड़ा महत्व है। हस्तरेखा ज्योतिष में किसी व्यक्ति के हथेलियों के आकार और हथेली की लकीरों का अध्ययन करके व्यक्ति के बारे में बहुत कुछ बताया जा सकता है।
Hast Rekha Shastra: भारतीय ज्योतिष परंपरा में हस्तरेखा शास्त्र का बहुत बड़ा महत्व है। हस्तरेखा ज्योतिष में किसी व्यक्ति के हथेलियों के आकार और हथेली की लकीरों का अध्ययन करके व्यक्ति के बारे में बहुत कुछ बताया जा सकता है। एक और जहां हथेली की शुभ रेखाएं जीवन में सुख समृद्धि की ओर इशारा करती है तो वहीं अशुभ रेखाएं परेशानियों का संकेत करती है। आइए आज जानते हैं हथेली पर बनने वाली संतान रेखा के बारे में।
संतान की ओर इशारा करती है ये रेखाएं
हस्तरेखा ज्योतिष के अनुसार किसी भी व्यक्ति के हाथ में कनिष्ठिका अंगुली के मूल में बुध पर्वत के ऊपरी भाग में स्थित रेखा को संतान रेखा कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि हथेली पर जितनी संतान रेखा होती है भविष्य में लोगों के उतने ही बच्चे होते हैं। हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार सीधी और गहरी रेखा पुत्र संतान जबकि हल्की या बारीक रेखाएं कन्या संतान की ओर इशारा करती है।
संतान रेखा की ये निशान होते हैं शुभ
अगर किसी जातक की हथेली पर संतान की रेखा साफ, स्पष्ट और बिना कटी कटी होती हो तो इससे उत्तम संतान प्राप्त होने की संभावना होती है। वहीं अगर हथेली में स्थित संतान रेखा पर द्वीप का निशान बना हो तो यह संतान के खराब स्वास्थ्य की ओर इशारा करता है। इसके अलावा संतान रेखा पर तिल का निशान संतान सुख में समस्याओं की ओर इशारा करता है।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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