Gita Jayanti kab hai : गीता जयंती आज या कल? नोट कर लें सही डेट और महत्व
gita jayanti mokshada ekadashi date time importance : मोक्षदा एकादशी को ही कुरुक्षेत्र की रणभूमि में भागवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। इसी दिन गीता जयंती मनाई जाती है।
Gita Jayanti : इस वर्ष गीता जयंती दो दिन 22 व 23 दिसम्बर को मनायी जाएगी। गृहस्थ 22 दिसम्बर को मोक्षदा एकादशी व्रत रखेंगे। वहीं वैष्णव 23 को मोक्षदा एकादशी व्रत रखेंगे। मोक्षदा एकादशी को ही कुरुक्षेत्र की रणभूमि में भागवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। इसी दिन गीता जयंती मनाई जाती है। ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि एकादशी तिथि 22 दिसंबर दिन शुक्रवार की सुबह 8.16 बजे से प्रारंभ होगी और 23 दिसंबर शनिवार की सुबह 7.11 बजे पर समाप्त होगी। इसी कारण से दो दिन मनाए जाने का योग बन रहा है। मोक्षदा एकादशी पर भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने से और व्रत रखने से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
राधाकांत मंदिर में गीता जयंती की पूर्व संध्या पर हुई विचार संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए याज्ञिक विष्णुकांत शास्त्री ने कहा कि जिस दिन श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था उस दिन मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी थी। इसीलिए इस दिन को गीता जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दिन उपवास करने की मान्यता है। गीता जयंती के दिन उपवास करने से मन पवित्र होता है और शरीर स्वस्थ रहता है। साथ ही समस्त पापों से भी छुटकारा मिलता है।
ब्राह्मण महासभा के संस्थापक सुरेशचंद्र शर्मा ने कहा कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को धर्म और कर्म को समझाते हुए उपदेश दिया था। महाभारत के युद्ध में श्रीकृष्ण के द्वारा जो उपदेश दिए गए उसे गीता कहा जाता है। गीता के उपदेश में जीवन जीने, धर्म का अनुसरण करने और कर्म के महत्व को समझाया गया है। इस अवसर पर ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष महेश भारद्वाज, गोपाल शरण शर्मा,बालकृष्ण शर्मा, गोविंद पचौरी, अनिल शास्त्री, विनोद बिहारी शर्मा, मम्मू गोस्वामी, रमेश विधि शास्त्री, योगेंद्र ब्रजवासी आदि उपस्थित थे।
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