Hindi Newsधर्म न्यूज़ganesh chaturthi chandra darshan: Why one should not have moon darshan on Ganesh Chaturthi

Ganesh chaturthi Chandra darshan: गणेश चतुर्थी पर चंद्र दर्शन क्यों नहीं करने चाहिए? 

Ganesh chaturthi: 31 अगस्त, बुधवार को विनायक चतुर्थी है। इस दिन मध्याह्न में प्रथम पूज्य गणेश जी का अवतरण हुआ था। इसे कलंक चतुर्थी और शिवा चतुर्थी भी कहा जाता है। देखा जाए तो अधिकांश मनुष्य किसी भी प्

Anuradha Pandey पं भानुप्रताप नारायण मिश्र, नई दिल्लीTue, 30 Aug 2022 07:19 AM
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ganesh chaturthi: 31 अगस्त, बुधवार को विनायक चतुर्थी है। इस दिन मध्याह्न में प्रथम पूज्य गणेश जी का अवतरण हुआ था। इसे कलंक चतुर्थी और शिवा चतुर्थी भी कहा जाता है। देखा जाए तो अधिकांश मनुष्य किसी भी प्रकार के विघ्न के आने से भयभीत हो उठते हैं। गणेश जी की पूजा होने से विघ्न समाप्त हो जाता है।

चतुर्थी तिथि को चंद्रमा के दर्शन से बचना चाहिए। अगर चंद्रमा को देख लिया तो झूठा कलंक लग जाता है। उसी तरह जिस तरह से श्री कृष्ण को स्यमंतक मणि चुराने का लगा था। लेकिन अगर चंद्र को देख ही लिया तो कृष्ण-स्यमंतक कथा को पढ़ने या विद्वानजनों से सुनने पर गणेश जी क्षमा कर देते हैं। हां, इसके साथ ही हर दूज का चांद देखना भी जरूरी है।

तरह-तरह की मनोकामना पूरी करने के लिए विनायक कई उपाय बताते हैं। अगर आपको प्रतिकूल परिस्थितियों को रोकना है तो गणेश जी की पीली कांतिवाले स्वरूप का ध्यान करें। परिस्थितियों को अनुकूल करने के लिए गणेश के अरुण कांतिमय स्वरूप का मन ही मन ध्यान करें। अच्छी सेहत के लिए लाल रंग वाले गणेश का ध्यान करना चाहिए। जिनको धन पाने की इच्छा हो उन्हें हरे रंग के गणेश की पूजा करनी चाहिए। हां, जिन्हें मोक्ष प्राप्त करना है उन्हें सफेद रंग के गणेश की पूजा करनी चाहिए। तीनों समय गणपति का ध्यान और जाप अवश्य करें।

इस दिन मध्याह्न में गणपति पूजा में 21 मोदक अर्पण करके—‘विघ्नानि नाशमायंतु सर्वाणि सुरनायक। कार्यं में सिद्धिमायातु पूजिते त्वयि धातरि’, से प्रार्थना करें। संभव हो तो 21 जड़ी-बूटियां भी गणेश को अर्पित करें। गणेश को अर्पित किया गया नैवेद्य सबसे पहले उनके सेवकों—गणेश, गालव, गार्ग्य, मंगल और सुधाकर को देना चाहिए। चंद्रमा, गणेश और चतुर्थी माता को दिन में अर्घ्य अर्पित करें। संभव हो तो रात्रि में विनायक कथा सुनें या भजन करें।

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