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Ekadashi Vrat : दिसंबर में पड़ेंगी मोक्षदा और सफला एकादशी, नोट कर लें डेट, मुहूर्त और पारणा समय

Ekadashi In December : हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत अधिक महत्व होता है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को अतिप्रिय होती है। एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि- विधान से पूजा- अर्चना की जाती है। हर माह में...

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तान टीम, नई दिल्लीSat, 11 Dec 2021 06:15 AM
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Ekadashi In December : हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत अधिक महत्व होता है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को अतिप्रिय होती है। एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि- विधान से पूजा- अर्चना की जाती है। हर माह में दो बार एकादशी पड़ती है। एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में। दिसंबर माह में 2 एकादशी पड़ेंगी। एक मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की और एक पौष माह के कृष्ण पक्ष की।  मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहा जाता है और पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को  सफला एकादशी कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी व्रत करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है और मृत्यु के पश्चात मोक्ष मिलता है। आइए जानते हैं मोक्षदा और सफला एकादशी की डेट, मुहूर्त, पारणा का समय और पूजा-विधि...

मोक्षदा एकादशी- दिसम्बर 14, 2021, मंगलवार

मुहूर्त-

  • मार्गशीर्ष, शुक्ल एकादशी प्रारम्भ - 09:32 पी एम, दिसम्बर 13
  • मार्गशीर्ष, शुक्ल एकादशी समाप्त - 11:35 पी एम, दिसम्बर 14

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पारणा समय-

  • 15 दिसम्बर को 07:06 ए एम से 09:10 ए एम
  • पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय - 02:01 ए एम, दिसम्बर 16

सफला एकादशी- दिसम्बर 30, 2021, गुरुवार

मुहूर्त-

  • पौष, कृष्ण एकादशी प्रारम्भ - 04:12 पी एम, दिसम्बर 29
  • पौष, कृष्ण एकादशी समाप्त - 01:40 पी एम, दिसम्बर 30

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पारणा समय-

  • 31 दिसम्बर को 07:14 ए एम से 09:18 ए एम
  • पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय - 10:39 ए एम

एकादशी पूजा- विधि:

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
  • घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
  • भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें।
  • भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।
  • अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
  • भगवान की आरती करें। 
  • भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं। 
  • इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें। 
  • इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।

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