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Diwali Pujan Time 2022: दिवाली पूजन का दिल्ली, नोएडा, मुंबई और पटना समेत अन्य शहरों में क्या है शुभ मुहूर्त, जानिए अन्य खास बातें

Diwali Pujan Time 2022 for cities: दिवाली की शाम को गणेश-लक्ष्मी पूजन का खास महत्व होता है। जानें आपके शहर में इस साल दिवाली पूजन का क्या है उत्तम मुहूर्त व जानें अन्य खास बातें-

Saumya Tiwari लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 24 Oct 2022 03:36 PM
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Diwali, Deepawali Ganesh-Lakshmi Citywise Pujan Muhurat 2022: मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने की आज सबसे उत्तम तिथि है। दिवाली की रात सबसे ज्यादा अंधेरी होती है। शास्त्रों के अनुसार, दिवाली की रात को मां लक्ष्मी पृथ्वी पर भम्रण करती हैं। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से साल पूरे साल धन-समृद्धि रहती है। दिवाली की रात शुभ मुहूर्त में गणेश-लक्ष्मी पूजन शुभदायी व कल्याणकारी माना गया है। जानें अपने शहर का लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त-

दिवाली गणेश-लक्ष्मी पूजन मुहूर्त 2022-

लक्ष्मी पूजा- सोमवार, अक्टूबर 24, 2022 पर
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त - 06:53 पी एम से 08:16 पी एम
अवधि - 01 घण्टा 23 मिनट्स
प्रदोष काल - 05:43 पी एम से 08:16 पी एम
वृषभ काल - 06:53 पी एम से 08:48 पी एम

अमावस्या तिथि कब से कब तक-

अमावस्या तिथि प्रारम्भ - अक्टूबर 24, 2022 को 05:27 पी एम बजे
अमावस्या तिथि समाप्त - अक्टूबर 25, 2022 को 04:18 पी एम बजे

जानें अपने शहर में लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त

07:23 पी एम से 08:35 पी एम - पुणे
06:53 पी एम से 08:16 पी एम - नई दिल्ली
07:06 पी एम से 08:13 पी एम - चेन्नई
07:02 पी एम से 08:23 पी एम - जयपुर
07:06 पी एम से 08:17 पी एम - हैदराबाद
06:54 पी एम से 08:17 पी एम - गुरुग्राम
06:51 पी एम से 08:16 पी एम - चण्डीगढ़
06:19 पी एम से 07:35 पी एम - कोलकाता
07:26 पी एम से 08:39 पी एम - मुम्बई
07:16 पी एम से 08:23 पी एम - बेंगलूरु
07:21 पी एम से 08:38 पी एम - अहमदाबाद
06:52 पी एम से 08:15 पी एम - नोएडा

मां लक्ष्मी-गणेश पूजन विधि-

सबसे पहले पूजा का संकल्प लें।
श्रीगणेश, लक्ष्मी, सरस्वती जी के साथ कुबेर जी के सामने एक-एक करके सामग्री अर्पित करें।
इसके बाद देवी-देवताओं के सामने घी के दीए प्रवज्जलित करें।
ऊं श्रीं श्रीं हूं नम: का 11 बार या एक माला का जाप करें।
एकाक्षी नारियल या 11 कमलगट्टे पूजा स्थल पर रखें।
श्री यंत्र की पूजा करें और उत्तर दिशा में प्रतिष्ठापित करें।
देवी सूक्तम का पाठ करें।

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