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Hindi Newsधर्म न्यूज़chandra grahan 2020 on 10 January 2020 How was lunar eclipse saved Christopher Columbus life in 1504

चंद्रग्रहण के कारण ऐसे बची थी क्रिस्टोफर कोलंबस की जान,जानें 15वीं शताब्दी में लगे ग्रहण की कहानी

आज इस साल का पहला चंद्रग्रहण आज रात 10:36:00 बजे से शुरू होते हुए रात 02:44:04 बजे तक रहेगा। यह चंद्र ग्रहण उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण से बिल्कुल अलग माना जाता है। ग्रहण कुल...

Pratima Jaiswal लाइव हिन्दुस्तान टीम , नई दिल्ली Fri, 10 Jan 2020 04:33 PM
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आज इस साल का पहला चंद्रग्रहण आज रात 10:36:00 बजे से शुरू होते हुए रात 02:44:04 बजे तक रहेगा। यह चंद्र ग्रहण उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण से बिल्कुल अलग माना जाता है। ग्रहण कुल मिलाकर 4 घंटे तक चलेगा। इस ग्रहण को एशिया, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, अफ्रीका में देखा जा सकता है लेकिन नॉर्थ अमेरिका में इस ग्रहण को नहीं देखा जा सकता लेकिन अलास्का, इस्टर्न माइन और उत्तर पूर्वी कनाडा में इसे देखा जा सकेगा। उपच्छाया चंद्रग्रहण उस समय लगता है, जब पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा चंद्रमा ‘पेनुम्ब्रा' (धरती की परछाई का हल्का भाग) से होकर गुजरता है। हालांकि, इस ग्रहण को आप साफतौर पर आसमान में नहीं देख पाएंगे। चंद्रग्रहण से जुड़ी हुई कई पौराणिक कहानियां तो आपने सुनी होगी लेकिन एक कहानी इतिहास से जुड़ी हुई है। इस कहानी में इस बात का उल्लेख है कि अमेरिका की खोज करने वाले क्रिस्टोफर कोलंबस ने कैसे चंद्रग्रहण की वजह से अपनी जान बचाई थी। 


क्या है कहानी 
यह किस्सा 11 मई 1502 का है जब क्रिस्टोफर कोलंबस अपनी आखिरी समुद्र यात्रा के दौरान अपने जहाजों के साथ स्पेन से निकला था। रास्ते में किसी परेशानी के कारण वो एक द्वीप में 6 महीनों तक फंस गए थे। इस द्वीप को आज जमैका के नाम से जाना जाता है। काफी समय तक यहां रुकने के कारण कोलंबस और उनके साथियों के पास खाने-पीने के सामान की कमी होने लगी। इस दौरान द्वीप पर रहने वाले कुछ लोगों ने कोलंबस और उनके साथियों की मदद की। द्वीप के लोगों ने ही सबके लिए खाने-पीने का पूरा इंतजाम किया। हालांकि कुछ समय बाद द्वीप के लोगों ने धीरे-धीरे कोलंबस और उनके साथियों की मदद में कमी कर दी। जिसके कारण कोलंबस और उनके साथियों की भूख के कारण हालत खराब होने लगी। मामला बिगड़ता देख कोलंबस ने एक योजना बनाई।

 

जानकारी का ऐसे उठाया फायदा 
कोलंबस ये जानता था कि 29 फरवरी 1504 को चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। कोलंबस ने इसी का फायदा उठा लिया। उसने द्वीप के लोगों से कहा कि भगवान आप लोगों से बहुत नाराज है क्योंकि वे लोग उनकी मदद नहीं कर रहे। कोलंबस ने बताया कि भगवान चंद्रमा को गायब कर देंगे और चंद्रमा का रंग लाल हो जाएगा। थोड़ी देर बाद वाकई में चंद्रमा लाल होने लगा। जिसके बाद द्वीप के लोगों के कोलंबस की बात पर भरोसा हो गया और उससे भगवान की नाराजगी दूर करने की अपील की। कोलंबस ने लोगों को बताया कि तय समय के बाद भगवान की नाराजगी दूर हो जाएगी और चंद्रमा की रोशनी फिर वापस आ जाएगी। कुछ देर बाद आसमान साफ हुआ और चंद्रमा की चमक वापस आ गई। इस घटना के बाद द्वीप के लोगों ने कोलंबस और उनके साथियों के खान-पान में किसी चीज की कमी नहीं होने दी। इस तरह भूख से मरने की कगार पर पहुंचे कोलंबस और उसके साथियों की जान बच गई।
 

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