Hindi Newsधर्म न्यूज़Chand nikalne ka time today: chaturthi tithi aaj chand kitne baje niklega moon rise time 29 jan 2024 - Astrology in Hindi

Chand nikalne ka time today : संकष्टी चतुर्थी पर जानिए देश के 10 प्रमुख शहरों में आज चांद निकलने का समय

संकष्टी चतुर्थी व्रत की पूजा की तैयारियां पूरी हो गई हैं। कुछ ही देर में चंद्रोदय के साथ ही सकट चौथ व्रत की पूजा शुरू हो जाएगी। अब लोगों को चंद्रमा के दर्शन का ही इंतजार है। आप अपने यहां दिए प्रमुख शह

Alakha Ram Singh लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 29 Jan 2024 07:47 PM
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Chand nikalne ka time today 29 January 2024 : संकष्टी चतुर्थी या सकट चौथ या गनेशन का त्योहार आज देशभर में मनाया जा रहा है। यह पर्व हर साल माघ मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। बहुत सी महिलाएं आज के दिन निर्जला व्रत करती हैं और शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देने और गणेश भगवान की पूजा के बाद ही व्रत का पारण करती हैं। उत्तर प्रदेश समेत कई इलाकों में तिल के लड्डू और शकरकंद खाने की परंपरा भी है। मान्यता है कि गणेश चतुर्थी का व्रत करने से संतान को लंबी उम्र का वरदान मिलता है। आज के दिन महिलाएं शाम को एकत्र होकर पास के गणेश मंदिर या अपने घर में पूजा करती हैं। गणेश चतुर्थी व्रत की कथा सुनती हैं। साथ ही पूजा के बाद आपस में लोग प्रसाद का वितरण भी करते हैं। लेकिन गणेश चतुर्थी के व्रत में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण चंद्रमा का दर्शन माना गया। ऐसे में सभी लोग अपने मोबाइल चांद निकलने का टाइम चेक करते हैं ताकि धुंध या बादल की स्थिति होने पर वह समय पर पूजा कर सकें।  भक्तों की इसी जरूरत का देखते हुए हम देश के 10 प्रमुख शहरों में चांद निकलने का टाइम यहां दे रहे हैं जिससे कि आप आसानी से पूजा संपन्न कर सकें:

आपके शहर में चांद निकलने का टाइम ( Moonrise Time today 29 January 2024 ) :

दिल्ली - 21:10
लखनऊ - 20:55
पटना - 20:39
चंडीगढ़ - 21:11
मुंबई - 21:32
बेंगलुरु - 21:15
कानपुर - 20:58
वाराणसी - 20:48

ग्वालियर - 21:07
भोपाल - 21:12
इंदौर - 21:18

सकट चौथ पूजा विधि :
चंद्रोदय से पहले पूजा की थाली सजा लें। इसमें चांद को अर्घ्य देने के लिए कलश में पानी, रौली, फूल, दीपक, मिठाई  और कलावा होनी चाहिए। सबसे पहले चंद्रमा को अर्घ्य दें, उन्हें टीका लगाए और फूल आदि का अर्पण करें , तिल के लड्डू चढ़ाएं और मिठाई का भोग लगाएं। इसके बाद अपने स्थान पर ही घूमकर करें और आरती करें। भगवान गणेश की विधि विधान से पूजा के बाद आरती उतारें और भोग लगाएं।
 

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