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बनते काम बिगड़ रहे हैं तो बुधवार को कर लें ये छोटा सा उपाय, दूर होंगी सभी समस्याएं

कई बार बनते हुए काम भी बिगड़ जाते हैं। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार ऐसा किसी ग्रह के अशुभ प्रभावों की वजह से भी हो सकता है। बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस दिन विधि- विधान से भगवान...

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तान टीम, नई दिल्लीTue, 13 July 2021 11:17 PM
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कई बार बनते हुए काम भी बिगड़ जाते हैं। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार ऐसा किसी ग्रह के अशुभ प्रभावों की वजह से भी हो सकता है। बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस दिन विधि- विधान से भगवान गणेश की पूजा की जाती है। भगवान गणेश प्रथम पूजनीय देव हैं और विघ्नहर्ता हैं। भगवान गणेश की कृपा से कार्यों में किसी भी प्रकार का कोई विघ्न नहीं पड़ता है और कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। गणेश जी के आर्शीवाद से ग्रहों के अशुभ प्रभावों से भी मुक्ति मिल जाती है। अगर आपके बनते हुए काम बिगड़ जाते हैं तो बुधवार के दिन विधि- विधान से भगवान गणेश की पूजा करें। आइए जानते हैं भगवान गणेश को प्रसन्न करने के आसान उपाय...

भगवान गणेश को दूर्वा घास अर्पित करें

  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान गणेश को दूर्वा घास अतिप्रिय होती है। बुधवार के दिन भगवान गणेश को दूर्वा घास जरूर अर्पित करें। ऐसा करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं। आप रोजाना भी भगवान गणेश को दूर्वा घास अर्पित कर सकते हैं।

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सिंदूर लगाएं

  • भगवान गणेश को सिंदूर भी लगाएं। भगवान गणेश को सिंदूर लगाने के बाद अपने माथे पर भी सिंदूर लगाएं। ऐसा करने से प्रथम पूजनीय गणेश भगवान की कृपा प्राप्त होती है।

भोग लगाएं

  • भगवान गणेश को भोग जरूर लगाएं। भगवान गणेश को मोदक और लड्डू पसंद होते हैं। आप भगवान गणेश को इच्छानुसार सात्विक चीजों का भोग भी लगा सकते हैं।

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भगवान गणेश की आरती करें

  • भगवान गणेश की ये आरती अवश्य करें

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।

एकदंत, दयावन्त, चार भुजाधारी,
माथे सिन्दूर सोहे, मूस की सवारी। 
पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा,
लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा।। ..
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश, देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया,
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया। 
'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।। 
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा .. 
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा। 

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी। 
कामना को पूर्ण करो जय बलिहारी।

 

 

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