उग हे सूरजदेव...छठ महापर्व में पारंपरिक लोकगीतों की धूम, यहां सुने और भी गाने
उगऽ हे सूरजदेव अरघ के बेरिया...दर्शन देहू न अपार हे दीनानाथ...मरबो रे सुगवा धनुष से..कांचही बांस के बहंगिया...महिमा बा अगम अपार हे छठ मइया...छठ महापर्व को लेकर इन पारंपरिक छठ गीतों की धूम मची है।...
उगऽ हे सूरजदेव अरघ के बेरिया...दर्शन देहू न अपार हे दीनानाथ...मरबो रे सुगवा धनुष से..कांचही बांस के बहंगिया...महिमा बा अगम अपार हे छठ मइया...छठ महापर्व को लेकर इन पारंपरिक छठ गीतों की धूम मची है। श्रद्धालु बड़े ही भक्तिभाव से सुन रहे हैं।
हर साल बाजार में नए-नए गायकों के छठ गीत आ रहे हैं पर इनके बीच स्थापित गायकों द्वारा गाए छठ के गीतों की मांग अधिक रहती है। शहर हो देहात हर कोने से छठ महापर्व के इन पारंपरिक गीतों की गूंज जरूर सुनाई देती है। इन छठ गीतों की मांग जितनी कल थी आज भी है। छठ व्रती इन्हीं छठ गीतों को गाते हुए घाटों पर अर्घ्य देते जाते दिखते हैं। सांस्कृतिक प्रदूषण के इस दौर में पारंपरिक छठ गीत का कोई जवाब नहीं है।
चर्चित लोकगायिका शारदा सिन्हा,अनुराधा पौड़वाल,भरत शर्मा,देवी और डा.नीतू कुमार नूतन के गाए छठ गीत श्रद्धालुओं की पहली पसंद बन रहे हैं। शारदा सिन्हा के तो अब तक निकले तमाम छठ गीतों के अलबमों की जबरदस्त मांग बनी हुई है। उनके द्वारा गाए छठ के विडियो एलबम ...पहिले पहिल छठी मैया...को बहुत अधिक पसंद किया गया।
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