कल अजा एकादशी पर जरूर करें इस कथा का पाठ, पापों का होगा नाश, मिलेगा पुण्य ही पुण्य

कुछ लोग विष्णु जी का आशीर्वाद पाने के लिए अजा एकादशी पर व्रत भी रखते हैं। वहीं, अजा एकादशी का व्रत रखने पर कथा पाठन करना महत्वपूर्ण माना जाता है।

Shrishti Chaubey लाइव हिंदुस्तान, नई दिल्लीSun, 10 Sep 2023 02:40 PM
share Share

अजा एकादशी 2023: अजा एकादशी की विशेष तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है। वहीं, हर महीने दो एकादशी पड़ती हैं। अजा एकादशी पर प्रभु विष्णु की विधिवत पूजा-उपासना करने से जीवन में आ रही मुसीबतों को दूर किया जा सकता है। वहीं, कुछ लोग विष्णु जी का आशीर्वाद पाने के लिए अजा एकादशी पर व्रत भी रखते हैं। वहीं, अजा एकादशी का व्रत रखने पर कथा पाठन करना महत्वपूर्ण माना जाता है। इस एकादशी के दिन पूरी श्रद्धा से विष्णु भगवान का ध्यान करने और एकादशी का पाठ करने से व्यक्ति को पूर्ण फल की प्राप्ति होती है।

अजा एकादशी व्रत की कथा 
अजा एकादशी की व्रत कथा सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र से जुड़ी है। राजा अपने राज्य को प्रसन्न रखते थे। राज्य में चारों-ओर खुशहाली रहती थी। समय बीता और राजा का विवाह हो गया। राजा को एक पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। राजा अत्यंत वीर और प्रतापी थे। एक दिन राजा ने अपने वचन को निभाने के लिए पुत्र और पत्नी तक को बेच डाला। राजा खुद भी एक चंडाल के सेवक बन चुके थे। गौतम ऋषि राजा हरिश्चंद्र को इस संकट से निकलने का उपाय बताते हैं। राजा ने ऋषि-मुनि के कहे अनुसार अजा एकादशी का व्रत रखा और विधि-विधान से पूजा किया। अजा एकादशी के व्रत से राजा के पिछले जन्म के सभी पाप कट जाते हैं और उन्हें खोया हुआ परिवार और राजपाठ फिर से मिल जाता है।
इसलिए सभी उपवासों में अजा एकादशी व्रत को सर्वश्रेष्ठ बताया जाता है। कहते हैं कि अजा एकादशी का व्रत रखने वालों को पापों से मुक्ति मिल जाती है। एकादशी व्रत को रखने वाले व्यक्ति को आहार, बर्ताव, इंद्रियों और चित पर संयम रखना जरूरी माना जाता है।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें