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16 अगस्त तक रहेगा अधिकमास, रोजाना करें ये उपाय, मां लक्ष्मी की बरसेगी अपार कृपा

adhik maas 2023 dhan labh upay remedies : हिंदू धर्म में अधिकमास का बहुत अधिक महत्व होता है।  मलमास मंगलवार 18 जुलाई से शुरू हो गया है। सावन माह में अधिकमास का संयोग 19 साल बाद पड़ रहा है।

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 23 July 2023 12:33 AM
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हिंदू धर्म में अधिकमास का बहुत अधिक महत्व होता है।  मलमास मंगलवार 18 जुलाई से शुरू हो गया है। सावन माह में अधिकमास का संयोग 19 साल बाद पड़ रहा है। पुष्य नक्षत्र से मलमास शुरू होने से मां लक्ष्मी की भी कृपा बरसेगी। मलमास 18 जुलाई से लेकर 16 अगस्त तक रहेगा। सावन मास में 19 साल बाद यह संयोग पड़ रहा है। यह माह पुष्य नक्षत्र में प्रारंभ होगा। ऐसे में देवता पृथ्वी पर फूलों की वर्षा करते हैं और दोनों हाथ से भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं। पुष्य नक्षत्र में मां लक्ष्मी जी की भी कृपा बरसती है। इस माह में मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए ये खास उपाय जरूर करें...

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां लक्ष्मी का वास उसी घर में होता है जहां स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाता है। मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए घर में स्वच्छता रखें और सभी लोगों से प्रेम से बात करें। उस घर में भी मां लक्ष्मी नहीं रहती हैं जहां लोग क्रोध करते हैं। मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए रोजाना मां की आरती जरूर करें और मां को खीर का भोग लगाएं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान भाव के भूखे होते हैं। भगवान को प्रसन्न करने के लिए व्यक्ति को भाव से पूजा- अर्चना करनी चाहिए। 

मां लक्ष्मी आरती

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता

तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन * सेवत हरि विष्णु विधाता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता

सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता

जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता

सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता

खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता

रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाता

उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता

तुमको निशदिन सेवत,

मैया जी को निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

(इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।)

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