100 सालों बाद गंगा दशहरा पर 5 दुर्लभ संयोग, जरूर करें ये काम, होगा लाभ ही लाभ
- Ganga Dussehra 2024 Time: आज पूरी श्रद्धा के साथ गंगा मैया की आराधना की जाएगी। गंगा दशहरा पर कई शुभ योग का संयोग बन रहा है, जिसके कारण इस पर्व का महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है।
Ganga Dussehra 2024 : गंगा दशहरा के दिन इस बार 5 शुभ संयोग बन रहे है, जो गंगा स्नान का फल दोगुना कर देंगे। ज्योतिष गणना के अनुसार, करीब 100 साल बाद गंगा दशहरा पर ऐसा अद्भुत संयोग बन रहा है। ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है। इस बार मां गंगा के अवतरण का पर्व गंगा दशहरा रविवार को मनाया जाएगा।
भागवताचार्य पंडित किशन स्वरूप दुबे ने बताया पौराणिक मान्यता है कि ज्येष्ठ माह की दशमी तिथि पर दस विशेष योग में मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं। इस बार दशहरा पर पांच विशेष योग विद्यमान रहेंगे। इस दिन गंगा स्नान करने और दान देने की परंपरा है। उन्होंने बताया वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 16 जून रात्रि 02 बजकर 32 मिनट पर शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन 17 जून सुबह 04 बजकर 40 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, गंगा दशहरा पर्व 16 जून रविवार को मनाया जाएगा।
क्यों खास है गंगा दशहरा 2024?
आचार्य ने बताया धर्मशास्त्र के अनुसार, गंगा जी के अवतरण के समय यह दस विशेष योग मौजूद थे। इनमें पहला ज्येष्ठ मास, दूसरा शुक्ल पक्ष, तीसरा दशमी तिथि, चौथा बुधवार, पांचवा हस्त नक्षत्र, छठा व्यतिपात योग, सातवां गर करण, आठवां आनंद योग, नवां कन्या का चंद्रमा तथा दसवां वृषभ राशि का सूर्य की स्थिति थी। पंचांग की गणना के अनुसार देखें तो इस बार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर दस में से पांच योग रहेंगे। इनमें ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि, हस्त नक्षत्र तथा कन्या राशि का चंद्रमा की उपस्थिति रहेगी। इनके अलावा अमृत सिद्धि सर्वार्थ सिद्धि व रवि योग के साथ चित्रा और हस्त नक्षत्र सहित कई अद्भुत योग का संयोग रहेगा। इन योगों में भी मांगलिक कार्य करने से दोषों की निवृत्ति होती है। साथ ही गंगा माता के आशीर्वाद से वंश वृद्धि होती है। इन योग में गंगा स्नान करने से जाने अनजाने में किए गए सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही शारीरिक और मानसिक कष्टों से भी छुटकारा मिलता है।
गंगा दशहरा 2024 पर जरूर करें ये काम
गंगा दशहरा पर गंगा नदी में स्नान और पूजा के साथ दीपदान का विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गंगा स्नान से हर तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है। इतना ही नहीं पितर भी प्रसन्न होते है और उनका आशीर्वाद मिलता है।
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