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Sawan Somwar 2024: 2 मुहूर्त में करें सावन के पहले सोमवार पर शिव रुद्राभिषेक, नोट करें मंत्र और संपूर्ण विधि

  • Sawan 2024, Shivling Puja Vidhi : सावन में शिवलिंग का रुद्राभिषेक करना विशेष रूप से पुण्यदायक माना जाता है। 22 जुलाई के दिन सावन का पहला सोमवार है। सावन के पहले सोमवार पर रुद्राभिषेक करने से सुख-सौभाग्य का वरदान प्राप्त होता है।

Shrishti Chaubey नई दिल्ली, लाइव हिन्दुस्तानMon, 22 July 2024 11:26 AM
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Sawan 2024, Shivling Puja Vidhi : कल है भगवान शिव को समर्पित सावन का पहला सोमवार। पौराणिक कथाओं के अनुसार, सावन के महीने में ही शिव जी को पति के रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने घोर तपस्या की थी। सावन में शिवलिंग का रुद्राभिषेक करना विशेष रूप से पुण्यदायक माना जाता है। इस दिन शुभ मुहूर्त में विधि-विधान से पूरे शिव परिवार की उपासना की जाती है। इस साल लगभग 72 सालों के बाद सावन कई दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। सर्वार्थसिद्धि योग, प्रीति योग, आयुष्मान योग का ऐसा संयोग इससे पहले 1953 में बना था। सावन माह में भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं। आइए जानते हैं सावन के पहले सोमवार पर रुद्राभिषेक करने का शुभ मुहूर्त, मंत्र और सही विधि-

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सावन रुद्राभिषेक-विधि

स्नान आदि से निवृत होकर सबसे पहले गणेश जी का ध्यान करें। इसके बाद भगवान शिव, पार्वती सहित सभी देवता और नौ ग्रहों का ध्यान कर रुद्राभिषेक करने का संकल्प लें। मिट्टी से शिवलिंग बनाएं और उत्तर की दिशा में स्थापित करें। रुद्राभिषेक करने वाले व्यक्ति का मुख पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए। गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करते हुए इस विधि की शुरुआत करें। सबसे पहले शिवलिंग को गंगाजल से स्नान करवाएं। इसके बाद गन्ने के रस, गाय के कच्चे दूध, शहद, घी और मिश्री से शिवलिंग का अभिषेक करें। हर सामग्री से अभिषेक करने से पहले और बाद में पवित्र जल या गंगाजल चढ़ाएं। प्रभु पर बिल्व पत्र, सफेद चंदन, अक्षत, काला तिल, भांग, धतूरा, आंक, शमी पुष्प व पत्र, कनेर का फूल, कलावा, फल, मिष्ठान और सफेद फूल अर्पित करें। इसके बाद शिव परिवार सहित समस्त देवी-देवताओं की पूजा करें। प्रभु को भोग लगाएं। पूरी श्रद्धा के साथ शिव जी की आरती करें। अंत में क्षमा प्रार्थना करें। इस क्रिया के दौरान अर्पित किया जाने वाला जल या अन्य द्रव्यों को इकट्ठा कर घर के सभी कोनों और सभी लोगों पर छिड़के और इसे प्रसाद स्वरूप में भी ग्रहण कर सकते हैं। रुद्राभिषेक खासतौर पर विद्वान् पंडित से करवाना अत्यंत सिद्ध माना जाता है। हालांकि, आप स्वयं भी रुद्राष्टाध्यायी का पाठ कर इस विधि को संपूर्ण कर सकते हैं।

नोट करें- शिव जी का रुद्राभिषेक करते समय शिव मंत्र या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते रहें।

शिव मंत्र

  1. ॐ नमः शिवाय
  2. ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |
  3. उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||

सावन के पहले सोमवार पर रुद्राभिषेक का शुभ मुहूर्त

भगवान शिव का रुद्राभिषेक 22 जुलाई के दिन अभिजीत मुहूर्त में 12:00 पी एम से 12:55 पी एम और 12:46 पी एम से 01:10 पी एम तक भी कर सकते हैं। ब्रह्म मुहूर्त में भी रुद्राभिषेक कर सकते हैं।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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