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षटतिला एकादशी व्रत कब रखा जाएगा? जानें सही तारीख, मंत्र, पूजाविधि और पारण का समय

  • Shattila Ekadashi 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, 25 जनवरी 2025 को षटतिला एकादशी व्रत रखा जाएगा। यह दिन विष्णुजी की पूजा के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन तिल का उपयोग और तिल का दान पुण्य फलदायी माना गया है।

Arti Tripathi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 18 Jan 2025 09:09 AM
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Shattila Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में हर महीने में आने वाली एकादशी तिथि को विष्णुजी की पूजा-उपासना का महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। मान्यता है कि एकादशी व्रत रखने से जीवन के सभी दुख-कष्ट दूर होते हैं और साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है। माघ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को षटतिला एकादशी व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, षटतिला एकादशी व्रत बहुत पवित्र माना गया है। इस दिन विष्णुजी के पूजन और व्रत से सभी प्रकार के पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। षटतिला एकादशी व्रत में तिल का उपयोग अत्यंत शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं षटतिला एकादशी की सही तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजाविधि और पारण टाइमिंग...

कब है षटतिला एकादशी 2025?

दृक पंचांग के अनुसार, माघ महीने शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 24 जनवरी 2025 को रात 07:25 बजे होगी और अगले दिन 25 जनवरी 2025 को रात 08:31 बजे समाप्त होगी। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, 25 जनवरी 2025 दिन शनिवार को षटतिला एकादशी मनाया जाएगा।

पारण का समय: एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि में किया जाता है। 25 जनवरी को एकादशी व्रत रखने वाले जातक 26 जनवरी को द्वादशी तिथि में सुबह 7:12 बजे से सुबह 9:21 बजे तक व्रत का पारण कर सकते हैं।

षटतिला एकादशी के दिन तिल स्नान, तिल का उबटन, तिल का हवन, तिल का तर्पण, तिल का भोजन और तिल का दान समेत 6 प्रकार से तिल का उपयोग करना पुण्य फलदायी माना गया है।

षटतिला एकादशी 2025: पूजाविधि

षटतिला एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठें। सफेद तिल का उबटन लगाकर पानी में तिल मिलाकर स्नान करें।

स्नानादि से निवृत्त होने के बाद एकादशी व्रत का संकल्प लें और विष्णुजी की पूजा करें।

विष्णुजी को फल, फूल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।

एकादशी व्रत का पाठ करें। विष्णुजी के मंत्रों का जाप करें।

अंत में विष्णुजी समेत सभी देवी-देवताओं की आरती उतारें।

पूजा के दौरान जाने-अनजाने में हुई गलती के लिए क्षमा-प्रार्थना मांगे।

इस दिन रात्रि को जागरण करना शुभ माना गया है।

षटतिला एकादशी 2025: मंत्र

1.ऊँ नारायणाय नमः

2.ऊँ हूं विष्णवे नमः

3.ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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