shardiya navratri 2024: अक्टूबर में पालकी पर सवार होकर आएंगी माता, जनमानस पर क्या होता है प्रभाव?
- Shardiya Navratri Devi durga sawari: मां के नौ रूपों का पर्व इस साल 3 अक्टूबर से मनाया जाएगा। साल में दो नवरात्रि होते हैं। पहले अप्रैल में आते हैं और फिर शारदीय नवरात्रि। मां की सवारी भी अलग-अलग दिनों के हिसाब से तय होती है और इसका असर जनमानस पर भी पड़ता है।
Shardiya Navratri Devi durga sawari: मां के नौ रूपों का पर्व इस साल 3 अक्टूबर से मनाया जाएगा। साल में दो नवरात्रि होते हैं। पहले अप्रैल में आते हैं और फिर शारदीय नवरात्रि।अप्रैल के नवरात्रि को चैत्र नवरात्रि और अक्टूबर के नवरात्रि शारदीय नवरात्रि कहलाते हैं। इस साल अप्रैल के नवरात्र में मां अश्व पर चढ़कर आई थी। वहीं शारदीय नवरात्रि में मां पालकी या डोली में सवार होकर आ रही हैं। मां की सवारी भी अलग-अलग दिनों के हिसाब से तय होती है और इसका असर जनमानस पर भी पड़ता है। इस बार नवरात्र पर्व गुरुवार से शुरू हो रहे हैं, इसलिए माता की सवारी पालकी है। इस साल नौ दिनों के नवरात्र हैं। नवरात्र के नौ दिनों के बाद दशहरा पर्व 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
नवरात्रि का आम जनमानस पर प्रभाव
नवरात्र में माता की सवारी का बहुत महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि माता जिस भी सवारी से आती हैं, उसका प्रभाव लोगों पर पड़ता है। ऐसा कहा जा रहा है कि माता की सवारी इस साल पालकी है, जो आम लोगों के अच्छी नहीं मानी जाती है। इसे अशुभ कहा जाता है। ज्योतिषियों की मानें तो इससे राष्ट्र के लोगों को किसी विपत्ति का सामना करना पड़ा सकता है और कोई बीमारी जनमानस को परेशान कर सकती हैं। कुल मिलाकर माता की यह सवारी शुभ नहीं मानी जाती है। माता का पालकी पर आना और घोड़े पर आना भी शुभ संकेत नहीं माना जाता है। मा दुर्गा की हाथी पर सवारी और नाव पर सवारी बहुत शुभ मानी जाती है। नवरात्र की प्रतिपदा को घटस्थापना होगी।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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