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Sharad Purnima Pooja: कैसे करें मां लक्ष्मी की पूजा, नोट कर लें पूजा का मुहूर्त व उपाय

  • Sharad Purnima 16th October: कल, शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाएगी। मान्यताओं के अनुसार, लक्ष्मी माता की पूजा करने से सुख-समृद्धि बढ़ती है। बुधवार की शाम 6:56 बजे से शरद पूर्णिमा की तिथि शुरू होगी।

Shrishti Chaubey लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 15 Oct 2024 12:30 PM
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Sharad Purnima 16th October: हर साल में एक बार शरद पूर्णिमा पड़ती है। शास्त्रों के अनुसार, इसी दिन समुद्र मंथन से मां लक्ष्मी प्रकट हुई थी। ये दिन हिन्दू धर्म में मां लक्ष्मी की पूजा के लिए बेहद खास माना जाता है। माना जाता है शरद पूर्णिमा की रात माता लक्ष्मी पृथ्वी पर विचरण करती हैं, जिसे कोजागर पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं। मान्यताओं के अनुसार, लक्ष्मी माता की पूजा करने से सुख-समृद्धि बढ़ती है। आइए जानते हैं शरद पूर्णिमा पर कैसे करें मां लक्ष्मी की पूजा, पूजा का शुभ मुहूर्त व उपाय-

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शरद पूर्णिमा 16 अक्टूबर: आचार्य पं. गौतम मुनि चतुर्वेदी के अनुसार, शरद पूर्णिमा तिथि का शुभारम्भ बुधवार को शाम 6 बजकर 56 मिनट से हो रहा है। गुरुवार को दिन 4 बजकर 34 मिनट पर समाप्त होगी। इसलिए स्नान-दान कि पूर्णिमा गुरुवार और‌ शरद पूर्णिमा बुधवार को मनायी जाएगी।

कैसे करें मां लक्ष्मी की पूजा

शरद पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करने की परंपरा है। अगर ऐसा नहीं कर सकते हैं तो घर के पानी में ही गंगाजल मिलाकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं। इस स्थान को गंगाजल से पवित्र कर लें। इस चौकी पर अब मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें। माता का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें। माता लाल चुनरी व शृंगार का समान चढ़ाएं। इसके साथ ही फूल माला, धूप, दीप, इलायची, नैवेद्य, सुपारी और भोग आदि अर्पित करें। मां लक्ष्मी की पूजा करते हुए ध्यान करते हुए लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें। शाम को भगवान विष्णु के साथ माता की पूजा करें और तुलसी पौधा के पास घी का दीपक भी जलाएं। अर्ध रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य दें। चावल और गाय के दूध की खीर बनाकर चंद्रमा की रौशनी में रखें। कुछ घंटों के लिए खीर रखने के बाद उसका भोग लगाएं और प्रसाद के रूप में पूरे परिवार को खिलाएं। पूजा के अंत में क्षमा प्रार्थना जरूर करें।

पूजा का मुहूर्त

कोजागर पूजा निशिता काल - 23:42 से 00:32, अक्टूबर 17

अवधि - 00 घण्टे 50 मिनट्स

ब्रह्म मुहूर्त- 04:42 से 05:32

प्रातः सन्ध्या- 05:07 से 06:23

अभिजित मुहूर्त- कोई नहीं

विजय मुहूर्त- 14:01 से 14:47

गोधूलि मुहूर्त- 17:50 से 18:15

सायाह्न सन्ध्या- 17:50 से 19:05

अमृत काल- 15:04 से 16:28

निशिता मुहूर्त- 23:42 से 00:32, अक्टूबर 17

रवि योग- 06:23 से 19:18

शरद पूर्णिमा उपाय: लक्ष्मी माता को खुश करने के लिए शरद पूर्णिमा के दिन श्री लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें। वैवाहिक दिक्कतें दूर करने के लिए लक्ष्मी नारायण की जोड़े में पूजा करें और माता को शृंगार का समान भी चढ़ाएं।

रखें खीर: मान्यताओं के अनुसार, शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा की चांदनी से पूरी धरती सराबोर रहती है और अमृत की बरसात होती है। इन्हीं मान्यताओं के आधार पर ऐसी परंपरा बनाई गई है कि रात को चंद्रमा की चांदनी में खीर रखने से उसमें अमृत समा जाता है।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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