कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती कब तक रहेगी?
- Shani Sade Sati on Aquarius Horoscope : ज्योतिष के अनुसार, इस समय कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है और आने वाले 4 साल शनि की अशुभ दृष्टि से कुंभ राशि वालों की मुश्किलें बढ़ सकती है।
Shani Sade Sati Impact on Aquarius Horoscope : ज्योतिष में कुंडली में शनि की साढ़ेसाती लगना बेहद अशुभ फलदायी माना गया है। शनि की साढ़ेसाती का असर तीन चरणों में होता है। मान्यता है कि शनि की साढ़ेसाती के चपेट व्यक्ति को राजा से रंक बना सकती है। शनिदेव जातक को उसके कर्मों के आधार पर शुभ-अशुभ फल देते हैं। न्यायप्रिय देव शनि अच्छे कर्म होने पर बेहद शुभ फल देते हैं। वहीं,बुरे कर्म से जीवन में परेशानियां भी झेलनी पड़ती है। शनि की कृपा बरसने पर व्यक्ति का जीवन सुख-सुविधाओं में व्यतीत होता है। वहीं, शनिदेव की अशुभ दृष्टि से व्यक्ति का जीवन परेशानियों से घिरा रहता है। दृक पंचांग के अनुसार, 17 जनवरी 2024 से शनिदेव कुंभ राशि में विराजमान हैं और अगले साल 29 मार्च 2025 को मीन राशि में गोचर करेंगे। शनि ग्रह की चाल बहुत धीमी होती है। यह एक राशि से दूसरे राशि में गोचर करने के लिए करीब ढाई वर्षों का समय लेते हैं। आइए जानते हैं कुंभ राशि वालों को शनि की साढ़ेसाती से कब मुक्ति मिलेगी?
कुंभ राशि शनि की साढ़ेसाती : साल 2024 में शनि के कुंभ राशि में विराजमान होने से मकर, कुंभ और मीन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है। वहीं, कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती की वजह से कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढैय्या चल रही है। 2025 में शनि के मीन राशि में गोचर से मकर राशि वालों को शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति मिलेग। वहीं, कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है। 29 मार्च 2025 को शनि के कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में जाने के बाद शनि की साढ़ेसाती का तीसरा चरण आरंभ होगा। 3 जून 2027 तक शनिदेव कुंभ राशि वालों पर शनि की टेढ़ी नजर बनी रहेगी। इसके बाद शनि ग्रह मेष राशि में गोचर करेंगे और 20 अक्टूबर को वक्री चाल चलकर दोबारा मीन राशि में आ जाएंगे। 23 फरवरी 2028 को शनि मेष राशि में गोचर कर जाएंगे। इस दिन से कुंभ राशि वालों को शनि की साढ़ेसाती से पूर्ण रूप से मुक्ति मिल जाएगी।
शनि के तीनों साढ़ेसाती का असर :
पहला चरण : शनि के साढ़ेसाती का पहला चरण व्यक्ति के जीवन में आर्थिक समस्याएं उत्पन्न करता है। पारिवारिक जीवन में भी दिक्कतें आती हैं और सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
दूसरा चरण : मान्यता है कि शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण व्यक्ति को आर्थिक और पारिवारिक समस्याओं के साथ मानसिक तनाव भी देता है। इस दौरान कड़ी मेहनत के बावजूद व्यक्ति को असफलता का सामना करना पड़ता है।
तीसरा चरण : ज्योतिष के अनुसार, शनि की साढ़ेसाती का तीसरा चरण कष्टकारी साबित हो सकता है। इससे खर्चे अनियंत्रित हो जाते हैं। सुख-सुविधाओं में कमी आने लगती है। सेहत को लेकर मन परेशान रहता है। पारिवारिक जीवन में गृह-क्लेश की स्थिति बनी रहती है।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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