Shani Pradosh Vrat: कल शनि प्रदोष व्रत के दिन पूजन का ये है उत्तम मुहूर्त, जानें व्रत के लाभ
- Shani Pradosh Vrat Muhurat: शनिवार का दिन शनिदेव और प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है। यह दिन शनिदेव व भगवान शंकर की पूजा के लिए अत्यंत लाभकारी माना गया है। शनिदेव को भगवान शिव का शिष्य माना गया है।
Shani Pradosh Vrat 2024 Pujan muhurat: जिस दिन त्रयोदशी तिथि प्रदोष काल के समय होती है उसी दिन प्रदोष व्रत किया जाता है। प्रदोष काल सूर्यास्त से प्रारंभ होता है। द्रिक पंचांग के अनुसार, जब त्रयोदशी तिथि और प्रदोष व्रत साथ-साथ होते हैं वह समय शिव पूजन के लिए सबसे उत्तम होता है। मान्यता है कि प्रदोष के समय शिवजी प्रसन्नचित मुद्रा में होते हैं। इस समय भाद्रपद मास चल रहा है। भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को इस बार शनि प्रदोष व्रत का संयोग बन रहा है। शनि प्रदोष व्रत 31 अगस्त 2024, शनिवार को रखा जाएगा।
कब बनता है शनि प्रदोष व्रत का संयोग-
प्रदोष का दिन जब सोमवार को आता है तो उसे सोम प्रदोष व्रत कहते हैं, मंगलवार को आने वाले प्रदोष व्रत को भौम प्रदोष व्रत और जो प्रदोष व्रत शनिवार के दिन आता है, उसे शनि प्रदोष व्रत कहते हैं।
भाद्रपद कृष्ण त्रयोदशी कब से कब तक: भाद्रपद कृष्ण त्रयोदशी 31 अगस्त 2024 को सुबह 02 बजकर 25 मिनट से प्रारंभ होगी और 01 सितंबर को सुबह 03 बजकर 40 मिनट पर समाप्त होगी।
शनि प्रदोष व्रत पूजन मुहूर्त- शनि प्रदोष व्रत पूजन का शुभ मुहूर्त 31 अगस्त को शाम 06 बजकर 43 मिनट से रात 08 बजकर 58 मिनट तक रहेगा।
द्रिक पंचांग के अनुसार शनि त्रयोदशी के दिन बन रहे ये शुभ मुहूर्त-
ब्रह्म मुहूर्त- 04:28 ए एम से 05:13 ए एम
प्रातः सन्ध्या- 04:50 ए एम से 05:58 ए एम
अभिजित मुहूर्त- 11:55 ए एम से 12:46 पी एम
विजय मुहूर्त- 02:28 पी एम से 03:19 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 06:43 पी एम से 07:05 पी एम
अमृत काल- 12:48 पी एम से 02:31 पी एम
शनि प्रदोष व्रत में इस मुहूर्त में न करें पूजा-
पंचांग के अनुसार, शनि प्रदोष व्रत के दिन सुबह 09 बजकर 09 मिनट से सुबह 10 बजकर 45 मिनट तक राहुकाल रहेगा। ज्योतिष शास्त्र में राहुकाल को अशुभ समय बताया गया है। इस दौरान पूजा-पाठ व किसी भी शुभ कार्य की मनाही होती है।
शनि प्रदोष व्रत का महत्व-
शनि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं। मान्यता है कि शनि प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति को संतान की प्राप्ति की होती है। जीवन में खुशहाली व सुख-समृद्धि आती है।
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