Hindi Newsधर्म न्यूज़Sawan Shivratri 2024: 5 muhurat times for Shiva pooja on Shivratri know Rudrabhishek vidhi special upay from Pandit ji

Shivratri: सावन शिवरात्रि पर शिव पूजा के 5 मुहूर्त, जानें रुद्राभिषेक विधि, व्रत पारण टाइम और पंडित जी से खास उपाय

  • Sawan Shivratri 2024 : शुक्रवार के दिन सावन की शिवरात्रि का व्रत रख शिव भक्त जश्न मनाएंगे। मान्यता है इस दिन शिव जी की भक्ति भाव से पूजा करने से हर मनोकामना पूर्ण हो सकती है।

Shrishti Chaubey नई दिल्ली, लाइव हिन्दुस्तानThu, 1 Aug 2024 02:14 AM
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Sawan Shivratri 2024: भगवान शिव का प्रिय महीना सावन चल रहा है। सावन महीने की शिवरात्रि बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। सावन की शिवरात्रि के दिन शिव जी की आराधना करने से सुख-संपत्ति में वृद्धि होती है। इस साल सावन की शिवरात्रि कृष पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन पड़ रही है। शिवरात्रि के दिन संध्या पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन कई लोग 5 पहर में पूजा करते हैं। 2 अगस्त के दिन सावन शिवरात्रि रख शिव भक्त शिव की पूजा में लीन हो जाएंगे। आइए जानते हैं सावन शिवरात्रि के पूजा के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, रुद्राभिषेक विधि, व्रत पारण टाइम और पंडित जी से खास उपाय-

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पूजा-विधि

  1. स्नान आदि कर मंदिर की साफ सफाई करें
  2. भगवान श्री शिव का जलाभिषेक करें
  3. प्रभु का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें
  4. अब प्रभु को सफेद चंदन और सफेद पुष्प अर्पित करें
  5. मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें
  6. संभव हो तो व्रत रखें और व्रत लेने का संकल्प करें
  7. सावन शिवरात्रि की व्रत कथा का पाठ करें
  8. पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव और पार्वती जी की आरती करें
  9. प्रभु को भोग लगाएं
  10. अंत में क्षमा प्रार्थना करें

श्रावणी शिवरात्रि महत्व

आचार्य डॉ. अखिलेश उपाध्याय ने श्रावणी शिवरात्रि के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इस वर्ष सावन शिवरात्रि पर हर्षण योग बन रहा है। डॉ. उपाध्याय ने बताया कि सावन में प्रदोष सोमवार, नागपंचमी व शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि इन तिथियों पर भगवान शंकर की पूजा, उपासना व व्रत करने से सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है। हर्षण योग बनने से सावन शिवरात्रि पर भगवान शंकर की पूजा रुद्राभिषेक करले से दो गुना फल की प्राप्ति होती है।

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सावन शिवरात्रि रुद्राभिषेक-विधि

संध्या के समय स्नान आदि से निवृत होकर सबसे पहले गणेश जी का ध्यान करें। इसके बाद भगवान शिव, पार्वती सहित सभी देवता और नौ ग्रहों का ध्यान कर रुद्राभिषेक करने का संकल्प लें। मिट्टी से शिवलिंग बनाएं और उत्तर दिशा में स्थापित करें। रुद्राभिषेक करने वाले व्यक्ति का मुख पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए। गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करते हुए इस विधि की शुरुआत करें। सबसे पहले शिवलिंग को गंगाजल से स्नान करवाएं। इसके बाद गन्ने के रस, गाय के कच्चे दूध, शहद, घी और मिश्री से शिवलिंग का अभिषेक करें। हर सामग्री से अभिषेक करने से पहले और बाद में पवित्र जल या गंगाजल चढ़ाएं। प्रभु पर बिल्व पत्र, सफेद चंदन, अक्षत, काला तिल, भांग, धतूरा, आंक, शमी पुष्प व पत्र, कनेर, कलावा, फल, मिष्ठान और सफेद फूल अर्पित करें। इसके बाद शिव परिवार सहित समस्त देवी-देवताओं की पूजा करें। प्रभु को भोग लगाएं। अंत में पूरी श्रद्धा के साथ शिव जी की आरती करें। अंत में क्षमा प्रार्थना करें। इस क्रिया के दौरान अर्पित किया जाने वाला जल या अन्य द्रव्यों को इकट्ठा कर घर के सभी कोनों और सभी लोगों पर छिड़के और इसे प्रसाद स्वरूप में भी ग्रहण कर सकते हैं। रुद्राभिषेक खासतौर पर विद्वान पंडित से करवाना अत्यंत सिद्ध माना जाता है। हालाँकि, आप स्वयं भी रुद्राष्टाध्यायी का पाठ कर इस विधि को संपूर्ण कर सकते हैं।

सावन शिवरात्रि शुभ मुहूर्त

  • चतुर्दशी तिथि समाप्त - अगस्त 03, 2024 को 03:50 पी एम बजे
  • रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय - 07:11 पी एम से 09:49 पी एम
  • रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय - 09:49 पी एम से 12:27 ए एम, अगस्त 03
  • रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय - 12:27 ए एम से 03:06 ए एम, अगस्त 03
  • रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय - 03:06 ए एम से 05:44 ए एम, अगस्त 03
  • चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ - अगस्त 02, 2024 को 03:26 पी एम बजे
  • 3 अगस्त को, शिवरात्रि व्रत पारण समय - 05:44 ए एम से 03:49 पी एम
  • निशिता काल पूजा समय - 12:06 ए एम से 12:49 ए एम, अगस्त 03
  • अवधि - 00 घण्टे 42 मिनट्स

पंडित जी से जानें शिवरात्रि उपाय

डॉ. उपाध्याय ने बताया कि अग्निपुराण में वर्णन मिलता है कि जो व्यक्ति सावन शिवरात्रि के दिन मंदिर अथवा नदियों के किनारे दीपदान करता है, उसके घर में सुख-समृद्धि आती है। सावन में जब तक दीपक जलता है, तब तक भगवान स्वयं उस स्थान पर उपस्थित रहते हैं। लिहाजा भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण होती है और सारे संकट दूर हो जाते हैं।

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