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सर्वपितृ अमावस्या पर करें ये 4 काम, पितरों का मिलेगा आशीर्वाद

  • Sarva Pitru Amavasya 2024 : सर्व पितृ अमावस्या का दिन पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए आखिरी दिन माना जाता है। इस दिन सभी पूर्वजों के लिए श्राद्ध,पिंडदान और तर्पण किया जाता है।

Arti Tripathi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 23 Sep 2024 07:53 PM
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Sarva Pitru Amavasya 2024 : सर्वपितृ अमावस्या श्राद्ध पक्ष का आखिरी दिन माना जाता है। इस दिन जिन पूर्वजों की मृत्यु की तिथि ज्ञात नहीं होती है,उनके लिए श्राद्ध किया जा सकता है। इसके अलावा इस दिन अज्ञात और असमय मृत्यु को प्राप्त लोगों की आत्माशांति के लिए श्राद्ध और तर्पण अनुष्ठान किया जाता है। द्रिक पंचांग के अनुसार, इस साल 02 अक्टूबर को सर्वपितृ अमावस्या है। इस दिन सभी पूर्वजों का निमित्त श्राद्ध किया जाता है। इसे अमावस्या श्राद्ध या सर्वपिृत मोक्ष अमावस्या के नाम से जाना जाता है। सर्वपिृत अमावस्या के दिन पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए कुछ विशेष कार्य अति शुभ फलदायी माने गए हैं। आइए जानते हैं सर्वपितृ अमावस्या पर क्या करना चाहिए?

तर्पण : सर्वपितृ अमावस्या के दिन पितरों को जल में काला तिल,कुशा,जौ और सफेद फूल डालकर तर्पण देना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं।

पिंडदान : सर्वपितृ अमावस्या के दिन तर्पण व पिंडदान जरूर करें। इसके लिए चावल,गाय के दूध,घी,गुड़ और शहद को मिलाकर पिंड बनाएं और पितरों को अर्पित करने के बाद जल में प्रवाहित कर दें।

गीता का पाठ करें : श्राद्ध पक्ष में श्रीमद् भागवत गीता का पाठ करना अति शुभ माना गया है। मान्यता है कि श्राद्ध पक्ष में श्रीमद् भागवत कथा को पढ़ने या सुनने से पितरों को मुक्ति मिलती है। सर्वपितृ अमावस्या के दिन गीता का पाठ अवश्य करें।

पंचबलि कर्म : श्राद्ध में ब्राह्मण भोजन और पंचबलि कर्म का बड़ा महत्व है। पंचबलि में पांच अलग-अलग लोगों के लिए भोजन रखा जाता है। सर्वपितृ अमावस्या के दिन पंचबलि कर्म अर्थात् कौआ,चींटी, गाय,कुत्ता और देव को अन्न जरूर अर्पित करें।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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