वर्ष के प्रारंभ में मन अशांत रहेगा। धैर्यशीलता बनाए रखने का प्रयास करें। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें। परिवार का साथ मिलेगा। 05 जनवरी के बाद किसी मित्र के सहयोग से कारोबार में भागदौड़ बढ़ेगी। पिता से धन प्राप्ति हो सकती है। 15 मार्च के बाद भवन सुख में वृद्धि हो सकती है। संतान के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें। कारोबार में लाभ के अवसर मिलेंगे। वाहन सुख में वृद्धि के योग बन रहे हैं। 16 अगस्त के बाद नौकरी में तरक्की के अवसर मिल सकते हैं। शासन सत्ता का सहयोग मिलेगा, परंतु स्थान परिवर्तन भी हो सकता है। चंद्र राशि पर आधारित भविष्यफल- वर्षारंभ दुविधा वाला रहेगा। पूरे साल यह राशि शनि-राहु के प्रभाव में रहेगी, जिसके कारण कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। ढैया के कारण अभीष्ट पाने में देरी होगी। रोजगार के बेहतर अवसर तलाशने दूसरे शहर जाना पड़ेगा। कर्जा लेकर शुरू किया गया कोई भी काम बहुत अच्छा नहीं चलेगा। मार्च में जमीन-जायदाद को लेकर विवाद बढ़ेंगे। जमीन के नए सौदे में इस साल नहीं पड़ना बेहतर होगा। परीक्षा में बेहतर करने की इच्छा में चिंताग्रस्त होकर अच्छा नहीं कर पाएंगे। विवाह के लिए योग साल के उत्तरार्ध में ज्यादा अच्छे हैं। व्यापार में और पैसा डाल कर बढ़ाने के लिए समय अनुकूल नहीं है। पिता से सहयोग मिलेगा। अगस्त में वाद-विवाद और दुर्घटनाओं का योग बनता है। अनावश्यक भागदौड़ बीमार करेगी। नौकरी के हिसाब से साल ठीक रहेगा पर नए विकल्प ज्यादा देखने को नहीं मिलेंगे। कागज पर बिना जांच-परख के हस्ताक्षर करने से नुकसान होगा। भाग्योन्नति के लिए कठिन परिश्रम का वर्ष रहेगा और साल के अंत तक कुछ बेहतरी होगी। उपाय- ●हर बुधवार को दूर्वा (घास) के आगे के सात हिस्सों को शिवलिंग पर चढ़ाएं। ●माथे पर सफेद चंदन का तिलक लगाएं। ●सवा दस रत्ती का सच्चा मोती चांदी की अंगूठी में दाहिने हाथ की कनिष्ठा उंगली में धारण करें। ●नित्य सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करें। ●चंदन की सुगंध वाली धूपबत्ती या अगरबत्ती जलाएं।