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Rama Ekadashi 2024:पंचांग भेद के कारण इस दिन रखा जाएगा रमा एकादशी का व्रत, इन कार्यों के मिलते हैं शुभ फल

  • Rama Ekadashi 2024 kab hai : कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि में विष्णुजी की पूजा-आराधना बेहद शुभ मानी गई है। मान्यता है कि इससे साधक को समस्त कष्टों से मुक्ति मिलती है।

Arti Tripathi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 27 Oct 2024 10:08 AM
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Rama Ekadashi 2024 : कार्तिक माह चल रहा है। इस महीने में लक्ष्मी -नारायण और तुलसी के पौधे की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है। हर माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि विष्णुजी और मां लक्ष्मी की पूजा-आराधना के लिए बेहद खास होता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन पूजन और व्रत से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। साधक को सभी दुख-कष्टों से छुटकारा मिलता है। इस साल तिथियों के घटने-बढ़ने की वजह से कई व्रत और त्योहारों में पंचांग भेद हैं। दीपावली की तारीख को लेकर भी पंचांग भेद है। आइए जानते हैं रमा एकादशी का व्रत किस दिन रखा जाएगा और इस दिन किन कार्यों के मिलते हैं शुभ फल...

रमा एकादशी की सही तिथि : द्रिक पंचांग के अनुसार, 27 अक्टूबर 2024 को सुबह 07 बजकर 15 मिनट पर एकादशी तिथि आरंभ होगी और 28 अक्टूबर को 08 बजकर 40 मिनट पर समाप्त होगी। इसके बाद द्वादशी की शुरुआत होगी। एकादशी व्रत में सूर्योदय का विशेष महत्व है। 27 अक्टूबर को सूर्योदय के बाद एकादशी तिथि शुरू होगी। वहीं, 28 अक्टूबर को एकादशी तिथि में ही सूर्योदय होगा। एकादशी और द्वादशी तिथि के संयोग में एकादशी व्रत करना ज्यादा शुभ फलदायी माना जाता है। इसलिए इस साल कार्तिक माह में 28 अक्टूबर को रमा एकादशी का व्रत रखा जाएगा।

रमा एकादशी के दिन करें ये काम

मनोकामनापूर्ति के लिए रमा एकादशी के दिन विष्णुजी का नारियल के पानी से जलाभिषेक कर सकते हैं। श्रीहरि विष्णुजी को नारियल अति प्रिय है। मान्यता है कि इससे साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

मान्यताओं के अनुसार, नौकरी-कारोबार में आने वाली दिक्कतों से छुटकारा पाने के लिए रमा एकादशी के दिन सूर्यदेव को जल अर्पित करना बेहद शुभ माना जाता है। इसलिए तांबे के लोट में जल भकर ऊँ सूर्याय नमः मंत्र का जाप करते हुए सूर्यदेव को जल जरूर चढ़ाएं।

रमा एकादशी के विष्णुजी का अभिषेक करना बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन दक्षिणावर्ती शंख में कच्चा दूध और केसर के मिश्रण को भरें और ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करते हुए विष्णुजी को अर्पित करें। इसके बाद शुद्ध जल चढ़ाएं। विष्णुजी को पीले रंग का वस्त्र अर्पित करें और विधिवत पूजा करें।

एकादशी का दिन लक्ष्मी-नारायण की पूजा के लिए समर्पित माना जाता है। इसलिए इश खास दिन विष्णुजी का आशीर्वाद पाने के लिए उनकी पूजा-आराधना करें। पूजा के दौरान उनके प्रिय चीजों का भोग लगाएं और मंत्रों का जाप करें। मान्यता है कि ऐसा करने से आर्थिक तंगी समेत सभी परेशानियां दूर होती हैं।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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