Raksha Bandhan 2024 :महाकाल भी मनाएंगे रक्षाबंधन, सबसे पहले बंधेगी राखी,सवा लाख लड्डुओं का चढ़ेगा महाभोग
- Rakshabandhan 2024 : इस साल 19 अगस्त को सावन के आखिरी सोमवार के दिन रक्षाबंधन मनाया जाएगा। इस पावन मौके पर बाबा महाकाल को भी विशेष राखी बांधी जाती है और उन्हें महाभोग लगाया जाता है।
Raksha Bandhan 2024 :सावन का महीना भगवान भोलेनाथ को बेहद प्रिय है। इस पावन महीने में देशभर के प्रसिद्ध मदिरों और शिवालयों में भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजा-आराधना की जाती है। उज्जैन के महाकाल मंदिर में भी सावन शुरू होते हैं भक्तों का जमावड़ा लगने लगता है और हर दिन लाखों श्रद्धालु बाबा महाकाल का दर्शन करने आते हैं। इस माह में भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का भी पर्व मनाया जाता है। हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार, इस साल 19 अगस्त 2024 को रक्षाबंधन है। महाकालेश्वर मंदिर में रक्षाबंधन भी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल रक्षाबंधन के सावन का आखिरी सोमवार पड़ रहा है। इस दिन बाबा महाकाल की सवारी का भव्य आयोजन भी किया जाएगा। रक्षाबंधन उत्सव को लेकर महाकालेश्वर मंदिर में तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।
बाबा महाकाल को बंधवाएंगे राखी : इस साल उज्जैन नगरी में रक्षाबंधन का दिन बेहद खास रहने वाला है क्योंकि इस दिन सावन का आखिरी सोमवार और रक्षाबंधन होने के साथ सावन माह का समापन भी हो जाएगा। इस उत्सव को भव्य बनाने के लिए विशेष तैयारियां की जा रही हैं। 19 अगस्त को पुजारी परिवार की महिलाएं भस्म आरती के पूर्व ब्रह्म मुहूर्त में महाकाल बाबा को राखी बांधेगी। जो पुजारी सावन माह में बाबा की भस्म आरती करते हैं, उन्हीं परिवार की महिलाएं महाकाल के लिए विशेष राखी तैयार करती हैं और रक्षाबंधन के महाकाल को राखी बाधंती हैं।
महाकाल बाबा को लगेगा महाभोग : इस दिन बाबा को महाकाल को भस्म आरती करने वाले पुजारी परिवार महाकाल को सवा लाख लड्डुओं का महाभोग लगाते हैं। सावन पूर्णिमा के दिन महाकाल को सवा लाख लड्डू का भोग लगाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। मंदिर के जिस 16 पुजारी परिवार में से सावन माह में भस्म आरती होती है, वही परिवार इस परंपरा को निभाता है।
महाकाल दिव्य रूप में देंगे दर्शन
इस दिन भस्म आरती में महाकाल बाबा का सोने-चांदी के आभूषण से श्रृंगार कियाजाएगा। सबसे पहले महाकालेश्वर बाबा का पंचामृत और फलों के रस से अभिषेक किया जाएगा। महाकाल के श्रृंगार के बाद पुजारी परिवार की महिलाओं बाबा को सबसे पहले राखी बांधी जाएगी और शाम को 4 बजे महाकाल की सवारी निकलेगी। इस साल सावन-भादौ में बाबा महाकाल के 7 दिव्य रूपों में सवारी निकाली गई थी।
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