दोपहर में भाई की कलाई पर राखी बांधते समय करें 3 काम, बढ़ेगी खूब सुख-समृद्धि
- Rakhi Upay Raksha Bandhan 2024: रक्षा बंधन के दिन कुछ बातों का विशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिए। खासतौर पर बहनों को भाई की कलाई पर राखी बांधते समय 1 काम जरूर करना चाहिए।
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Rakhi Upay Raksha Bandhan 2024: सावन के अंतिम सोमवार और पूर्णिमा पर रक्षा बंधन शुभ योग में बहनें मनाएंगी। ये दिन भाई बहन के अटूट प्रेम और विश्वास को समर्पित है। रक्षा बंधन पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं। सावन सोमवार के साथ ही सावन पूर्णिमा का व्रत व स्नान और सर्वार्थ सिद्धि, रवि व शोभन योग बन रहे हैं। शास्त्रों के अनुसार, श्रावण पूर्णिमा तिथि को भद्रा रहित शुभ मुहूर्त में रक्षा बंधन मनाना अच्छा होता है। ऐसे में रक्षा बंधन के दिन कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। खासतौर पर बहनों को राखी बांधते समय 1 काम जरूर करना चाहिए। इस 1 काम से भाई को लंबी आयु का वरदान मिलने साथ जीवन में सुख-समृद्धि भी बनजी रहती है।
- रक्षा बन्धन भद्रा अन्त समय - 01:30 पी एम
- रक्षा बन्धन भद्रा पूँछ - 09:51 ए एम से 10:53 ए एम
- रक्षा बन्धन भद्रा मुख - 10:53 ए एम से 12:37 पी एम
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ - अगस्त 19, 2024 को 03:04 ए एम बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त - अगस्त 19, 2024 को 11:55 पी एम बजे
रक्षा बन्धन अनुष्ठान का समय - 01:30 पी एम से 09:08 पी एम
अवधि - 07 घण्टे 38 मिनट्स
रक्षा बन्धन के लिये अपराह्न का मुहूर्त - 01:43 पी एम से 04:20 पी एम
अवधि - 02 घण्टे 37 मिनट्स
रक्षा बन्धन के लिये प्रदोष काल का मुहूर्त - 06:56 पी एम से 09:08 पी एम
अवधि - 02 घण्टे 11 मिनट्स
राखी बांधते समय करें 3 काम
सावन पूर्णिमा में बहन प्रेम के बंधन का कच्चा धागा भाई की कलाई पर बांधती हैं। राखी में तीन गांठ लगाना शुभ माना जाता है। पहली गांठ भाई की लंबी आयु, दूसरी गांठ स्वयं की लंबी आयु और तीसरी गांठ रिश्तों में मिठास के लिए। इन गाठों का संबंध ब्रह्म, विष्णु, महेश से माना जाता है। राखी बांधने के बाद अनामिका उंगली से ललाट पर तिलक लगाकर अंगूठे से ऊंचा करने का विधान है। इसके बाद तिलक पर अक्षत रोपण कर भाई के लंबी आयु की कामना बहनें करती है। भाई के जीवन में मिठास बनी रही इसलिए बहन मिठाई खिलाती है। इसके बाद भाई बहन को उपहार भी देते हैं। रक्षाबंधन में रक्षा सूत्र बांधते समय येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः। तेन त्वामभिबध्नामि रक्षे माचल माचल। मंत्र बोलना शुभकारी माना जाता है। धर्मशास्त्र में देवराज इंद्र को युद्ध पर जाने से पहले इंद्राणि ने रक्षा बंधन बांधा था। रक्षाबंधन भाई का बहन के प्रति प्रेम व सुरक्षा का संकल्प है।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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