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Hindi Newsधर्म न्यूज़Pitru Paksha is about to begin know why food is given to fire first of all

पितृपक्ष होने वाला है शुरू, जानें सबसे पहले अग्नि को क्यों देते हैं भोजन

एक पौराणिक कहानी के अनुसार देवतागण और पितरों को पितृपक्ष में लगातार श्राद्ध का भोजन करने से परेशान हो गए । दोनों को अजीर्ण हो गया। ऐसे में सभी मिलकर ब्राह्मा जी के पास गए हैं।

Anuradha Pandey लाइव हिन्दुस्तानTue, 10 Sep 2024 05:30 AM
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श्राद्ध पक्ष 18 सितंबर से शुरू हो रहे हैं।श्राद्धपक्ष के इन दिनों में अपने पितरों का ध्यान किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दौरान पितरों के नाम का भोजन, वस्त्र और दान जो निकाला जाता है, वो पितरों को पहुंचता है। पितृपक्ष में अपने पितरों की तिथि के दिन उनका श्राद्ध किया जाता है। इस दिन उनके नाम से तर्पण कर उन्हें अन्न और जल दिया जाता है। अन्न के लिए सबसे पहले अग्नि को भोजन अर्पित किया जाता है। इसके लिए गोबर का कंडा जलाया जाता है और इसमें भोजन के टुकड़े डालकर जल की छींटे मारकर अग्निदेव को समर्पित करते हैं। इसके अलावा कुते, कौए, गाय और चींटी को भी भोजन कराया जाता है। यहां हम जानेंगे कि अग्नि को भोजन अर्पित करने के पीछे क्या कहानी है।

एक पौराणिक कहानी के अनुसार देवतागण और पितरों को पितृपक्ष में लगातार श्राद्ध का भोजन करने से परेशान हो गए । दोनों को अजीर्ण हो गया। ऐसे में सभी मिलकर ब्राह्मा जी के पास गए हैं। ब्राह्मा जी ने कहा, इसका उपाय अग्निदेव के पास है, इसलिए हमें उनकी शरण में चलना चाहिए। सभी अग्नि देव के पास गए तो अग्निदेव ने कहा कि अब से हम लोग साथ में, देवता, पितृ और मैं भोजन करेंगे, जिससे अजीर्ण नहीं होगा। तभी से पितृपक्ष में भोजन का पहला भाग अग्नि को दिया जाता है।

शास्त्रों  के अनुसार पितरों के लिए  दोपहर में श्राद्ध कर्म करने के लिए सबसे अच्छा होता है, क्योंकि दोपहर में पितर देवता पूरे प्रभाव में होते हैं। माना जाता है कि पितर देव सूर्य की किरणों से भोग ग्रहण करते हैं। इसलिए दोपहर में धूप-ध्यान से पितर अपना भोजन ठीक से ग्रहण कर पाते हैं। 

इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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