Shravana Nakshatra: कैसे होते हैं श्रवण नक्षत्र में जन्मे लोग? जानें इनकी खूबियां
person born in shravana nakshatra: हिंदू धर्म में कुल 27 नक्षत्रों का वर्णन किया गया है। अलग-अलग नक्षत्र मे जन्म लेने वाले जातकों का स्वभाव व व्यक्तित्व भी अलग होता है। जानें श्रवण नक्षत्र में जन्मे लोग कैसे होते हैं।

Shravana Nakshatra: श्रवण नक्षत्र वैदिक ज्योतिष में 22वां नक्षत्र है। यह सुनने की क्षमता के लिए जाना जाता है। चंद्रमा से संबंधित यह नक्षत्र भगवान विष्णु द्वारा शासित होता है, जिसका प्रतीक तीन पद चिह्न है, जो आध्यात्मिक विकास या कान का प्रतिनिधित्व करते हैं।
इस नक्षत्र के अंतर्गत जन्मे लोग रचनात्मक बुद्धि और अंतरज्ञान जैसे गुणों से संपन्न होते हैं। कुंडली में श्रवण नक्षत्र करियर और पेशे वाले दसवें भाव से संबंध रखता है।
इस नक्षत्र में जन्मे लोग अपनी रचनात्मक प्रवृत्ति के कारण संगीत, कला और साहित्य के प्रति प्रेम रखते हैं। मां सरस्वती और भगवान विष्णु से संबंधित यह नक्षत्र आध्यात्मिक विकास का प्रतीक है।
उत्तरदायित्व की प्रबल भावनाओं के कारण इस नक्षत्र वाले व्यक्ति पूर्ण क्षमता के अनुसार कार्यों और जिम्मेदारियों का निर्वहन करने का प्रयास करते हैं।
इस नक्षत्र में जन्मी महिलाएं स्वावलंबी, दयालु और हठी स्वभाव की होती हैं। ये महिलाएं बुद्धिमान और रचनात्मक होने के कारण नई कलाएं सीखने के साथ-साथ संबंधों को बनाए रखने वाली होती हैं।
इनकी स्मरण शक्ति बहुत तेज होती है। कल्पनाशील और व्यवस्थित ये महिलाएं अपने कार्यों को सही ढंग से और कुशलतापूर्वक करने वाली होती हैं।
इस नक्षत्र के जातक अकेले कार्य करने में सहजता का अनुभव करते हैं। अत्यधिक सामाजिक और बहिर्मुखी होने के कारण सभी क्षेत्रों से संबंधित लोगों के साथ संपर्क बनाना पसंद करते हैं। श्रवण नक्षत्र के चार चरणों के अलग-अलग प्रभाव :
प्रथम चरण : इस चरण में जन्मे लोग रचनात्मक कार्यों से जुड़े होते हैं। यह चरण समझ और ज्ञान की शक्ति प्रदान करता है। इस चरण में जन्मे लोगों में बौद्धिकता, आध्यात्मिक और न्याय की प्रबलता होती है।
द्वितीय चरण : इस चरण में जन्मे लोग महत्वाकांक्षी, दृढ़ संकल्प वाले और नेतृत्व क्षमता से भरपूर होते हैं। इस नक्षत्र में जन्मे लोग कुशल नेतृत्व वाले होते हैं और परिस्थितियों का सामना करने में समर्थ होते हैं।
तृतीय चरण : इस नक्षत्र में जन्मे लोग अशांत चित्त वाले होते हैं। ये परिवर्तन और नवीनीकरण के आदी होते हैं। ये लगतार नई चुनौतियों और अवसरों की तलाश में रहते हैं।
चतुर्थ चरण : इस चरण में जन्मे लोग समृद्ध और सौभाग्यशाली होते हैं। इस चरण वाले व्यक्ति भाग्य, भौतिक संपत्ति के साथ-साथ सफलता और समृद्धि के प्रति आकर्षित होते हैं। ऐसे व्यक्ति अपने जीवन में प्रचुर मात्रा में धन, यश कमाते हैं और समाज में अपनी विशेष छाप छोड़ते हैं।