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Paush Purnima : पौष पूर्णिमा पर आज स्नान के लिए पूरे दिन शुभ मुहूर्त, नोट कर लें पूजा-विधि से लेकर सबकुछ

  • पौष पूर्णिमा 13 जनवरी यानी आज है। पौष पूर्णिमा से प्रयागराज में माघ मेले (कल्पवास) का आरंभ हो जाता है। इस साल पौष पूर्णिमा से ही प्रयागराज में महाकुंभ का आगाज भी हो रहा है।

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 13 Jan 2025 06:42 AM
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Paush Purnima : पौष पूर्णिमा पर आज स्नान के लिए पूरे दिन शुभ मुहूर्त, नोट कर लें पूजा-विधि से लेकर सबकुछ

Paush Purnima 2025: पौष पूर्णिमा 13 जनवरी यानी आज है। पौष पूर्णिमा से प्रयागराज में माघ मेले (कल्पवास) का आरंभ हो जाता है। इस साल पौष पूर्णिमा से ही प्रयागराज में महाकुंभ का आगाज भी हो रहा है। पौष पूर्णिमा पर स्नान व दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। पौष पूर्णिमा के दिन चंद्रमा के साथ नारायण और लक्ष्मीजी की पूजा होती है।

भोर से ही शुरू हुआ पौष पूर्णिमा का स्नान, पूरे दिन शुभ मुहूर्त

पौष पूर्णिमा तिथि 12 जनवरी की रात में 4:32 बजे से आरंभ हो जाएगी, जो 13 जनवरी को पूरे दिन और रात 3.41 बजे तक रहेगी। पौष पूर्णिमा का स्नान 13 जनवरी को सूर्योदय पूर्व 4:32 बजे के बाद से शुरू होकर रात में 3:41 बजे तक किया जा सकेगा।

कल्पवास की शुरूआत

सोमवार को पौष पूर्णिमा पर्व पर गंगा में पावन डुबकी लगाने के साथ ही संगम की रेती पर एक माह के कठिन कल्पवास की शुरूआत हो जाएगी। कल्पवास 13 जनवरी से शुरू होकर 12 फरवरी तक चलेगा।

पूर्णिमा का महत्व- पूर्णिमा व्रत करने से व्यक्ति के समस्त पाप जलकर भस्म हो जाते हैं जबकि शीतल जल में डुबकी लगाने से मनुष्य पाप मुक्त होकर स्वर्ग चले जाते हैं। इस दिन किसी पवित्र तीर्थ स्थान पर स्नान करने से मनुष्य पापमुक्त होकर स्वर्गलोक में जाते हैं। इस दिन दान का विशेष महत्व है। दान में तिल और कंबल से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।

पूजा-विधि :

इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का बहुत अधिक महत्व होता है। आप नहाने के पानी में गंगा जल डालकर स्नान भी कर सकते हैं। नहाते समय सभी पावन नदियों का ध्यान कर लें।

नहाने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।

अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।

सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें।

पूर्णिमा के पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व होता है।

इस दिन विष्णु भगवान के साथ माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना भी करें।

भगवान विष्णु को भोग लगाएं। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को भी शामिल करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी के बिना भगवान विष्णु भोग स्वीकार नहीं करते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।

भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें।

पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व होता है।

चंद्रोदय होने के बाद चंद्रमा की पूजा अवश्य करें।

चंद्रमा को अर्घ्य देने से दोषों से मुक्ति मिलती है।

इस दिन जरूरतमंद लोगों की मदद करें।

अगर आपके घर के आसपास गाय है तो गाय को भोजन जरूर कराएं। गाय को भोजन कराने से कई तरह के दोषों से मुक्ति मिल जाती है।

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