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Papankusha Ekadashi Katha: 13 अक्टूबर को है पापांकुशा एकादशी व्रत, यहां पढ़ें पापांकुशा एकादशी व्रत कथा

  • Papankusha Ekadashi Vrat Katha: दशहरे के ठीक अगले दिन पापांकुशा एकादशी व्रत किया जाता है। इस साल पापांकुशा एकादशी व्रत 13 अक्टूबर 2024 को है। एकादशी व्रत में व्रत कथा का विशेष महत्व है। यहां पढ़ें पापांकुशा एकादशी व्रत कथा-

Saumya Tiwari लाइव हिन्दुस्तानSat, 12 Oct 2024 12:24 PM
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Papankusha Ekadashi Vrat Katha: दशहरे के ठीक अगले दिन पापांकुशा एकादशी व्रत रखा जाता है। इस साल पापांकुशा एकादशी व्रत 13 अक्टूबर 2024, रविवार को रखा जाएगा। मान्यता है कि एकादशी व्रत में विधि-विधान से पूजन करने के बाद कथा को पढ़ना या सुनना चाहिए। कहते हैं कि कथा पढ़ने या सुनने के बाद ही व्रत का संपूर्ण व्रत व्रती को प्राप्त होता है। जानें पापांकुशा एकादशी व्रत कथा व इसका महत्व-

पढ़ें यहां पापांकुशी एकादशी व्रत कथा-

प्राचीन काल में विंध्य पर्वत पर क्रोधन नाम का एक बहेलिया रहता था। वह बहुत ही क्रूर था। उसका सारा जीवन हिंसा, लूटपाट और गलत संगति व पाप कर्म में निकल गया। जब उसका अंतिम समय आया तब यमराज के दूत बहेलिए को लेने आए और यमदूत ने बहेलिए से कहा कि कल तुम्हारे जीवन का आखिरी दिन है और कल हम तुम्हें लेने आएंगे। यह बात सुनकर बहेलिए बहुत भयभीत हो गया और महर्षि अंगिरा के आश्रम में पहुंचा और महर्षि अंगिरा के चरणों पर गिरकर प्रार्थना करने लगा। कहा- हे ऋषिवर! मैंने जीवन भर पाप कर्म किए हैं। कृपा कर आप कोई ऐसा उपाय बताएं जिससे मेरे सारे पाप मिट जाएं और मोक्ष की प्राप्ति हो जाए। उसके निवेदन पर महर्षि अंगिरा ने उसे आश्विन शुक्ल पक्ष की पापांकुशा एकादशी का व्रत विधिपूर्वक करने को कहा।

महर्षि अंगिरा के कहे अनुसार बहेलिए ने यह व्रत किया और किए गए सभी पापों से छुटकारा पा लिया। इस व्रत पूजन के बल से बहेलिया भगवान विष्णु के लोक को गया। जब यमराज के यमदूत ने इस चमत्कार को देखा तो वह बहेलिए को बिना लिए ही यमलोक वापस लौट गए।

पापांकुशा एकादशी व्रत का महत्व- भगवान श्रीकृष्ण ने इस व्रत का महत्व कुंतीनंदन धर्मराज युधिष्ठिर को बताया है। आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का नाम पापांकुशा एकादशी है। इस व्रत के प्रभाव से पापों से मुक्ति मिलती है और व्रत करने वाला अक्षय पुण्य का भागी होता है।

इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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