Hindi Newsधर्म न्यूज़nirjala ekadashi kab hai date time puja vidhi shubh muhrat

आज है निर्जला एकादशी, नोट करें सही डेट, पूजा-विधि, शुभ मुहूर्त

  • Nirjala Ekadashi : एकादशी तिथि भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है। एकादशी की तिथि को व्रत रखकर विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है। ज्येष्ठ माह में वर्ष की सबसे कठिन मानी जाने वाली निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाता है।

Yogesh Joshi नई दिल्ली, एजेंसी/लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 18 June 2024 12:43 AM
share Share

एकादशी तिथि भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है। एकादशी की तिथि को व्रत रखकर विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है। ज्येष्ठ माह में वर्ष की सबसे कठिन मानी जाने वाली निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाता है। यह व्रत ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रखा जाता है। मान्यता है कि पांडव भाइयों में से भीम ने ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को बगैर जल ग्रहण किए एकादशी का व्रत किया था। इस व्रत को करने के कारण भीम को मोक्ष और लंबी आयु का वरदान प्राप्त हुआ था। निर्जला एकादशी को एकादशी व्रतों में विशेष माना जाता है ओर इससे वर्ष भर के एकादशी व्रत के बराकर माना जाता है। पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी की तिथि 17 जून को प्रात: 4 बजकर 43 मिनट से शुरू हो जाएगी और अगले दिन 18 जून को सुबह 6 बजकर 24 मिनट तक रहेगी। निर्जला एकादशी का व्रत 18 जून मंगलवार को रखा जाएगा।

निर्जला एकादशी व्रत को लेकर इस बार संशय की स्थिति- निर्जला एकादशी व्रत को लेकर इस बार संशय बना हुआ था। भारतीय ज्योतिष कर्मकांड महासभा ने स्पष्ट किया है कि शास्त्रों के अनुसार स्मार्त यानि गृहस्थ लोग 17 जून सोमवार को व्रत रखेंगे और अगले दिन सुबह 6 बजकर 25 के बाद पारण करेंगे। सभी शुभ फल प्राप्त होगा। जबकि वैष्णव यानि साधु सन्यासी समाज के लोग 18 जून को व्रत करेंगे।

निर्जला एकादशी पूजा- विधि

सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।

घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।

भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें।

भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।

अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।

भगवान की आरती करें। 

भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं। 

इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें। 

इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें। 

निर्जला एकादशी महत्व

इस पावन दिन व्रत रखने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है। 

इस व्रत को करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी का व्रत रखने से मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।

एकादशी पूजा सामग्री लिस्ट

श्री विष्णु जी का चित्र अथवा मूर्ति

पुष्प

नारियल 

सुपारी

फल

लौंग

धूप

दीप

घी 

पंचामृत 

अक्षत

तुलसी दल

चंदन 

मिष्ठान

 

 

अगला लेखऐप पर पढ़ें