Kanya Pujan : नवरात्रि की अष्टमी और नवमी पर होता है कन्या पूजन, नोट कर लें संपूर्ण पूजा-विधि
- Navratri ashtami navami date kanya pujan: नवरात्रि में 9 दिनों तक मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-उपासना की जाती है। इसके साथ ही नवरात्रि में अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन का बड़ा महत्व है।

Navratri ashtami navami date kanya pujan: नवरात्रि में 9 दिनों तक मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-उपासना की जाती है। इसके साथ ही नवरात्रि में अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन का बड़ा महत्व है। नवरात्रि की अष्टमी-नवमी तिथि को घर में छोटी कन्याओं को बुलाया जाता है और उन्होंने भोजन खिलाया जाता है। कन्या पूजन के बिना नवरात्रि का व्रत अधूरा माना जाता है। इससे व्रत का सपूर्ण फल नहीं मिलता है। इसलिए कन्या पूजन के बिना पारण नहीं करना चाहिए। चलिए जानते हैं कि कन्या पूजन के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
नवरात्रि अष्टमी की डेट- 5 अप्रैल, 2025
नवरात्रि नवमी की डेट- 6 अप्रैल, 2025
कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है-
हिंदू धर्म में नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना के साथ कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। भक्तजन छोटी कन्याओं को भोजन कराते हैं और उन्हें सम्मानित करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इन कन्याओं के रूप में मां दुर्गा स्वयं विराजमान होती हैं और उनकी पूजा करने से असीम कृपा प्राप्त होती है। कन्या पूजन से मां दुर्गा की नौ शक्तियों का प्रतीक माना जाता है। नौ साल तक की कन्याओं को देवी का रूप मानकर पूजा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कन्याओं की पूजा करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का आगमन होता है और सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं।
कन्या पूजन की विधि:
कन्या पूजन के एक दिन पहले सभी कन्याओं को आमंत्रित करें।
सभी कन्याओं और छोटे लड़कों के चरण स्पर्श करें और उन्हें साफ-सुथरी जगहों पर बिठाएं।
इसके बाद उनकी कलाईयों पर मौली बांधें। सभी कन्याओं और लड़कों को तिलक लगाएं।
इसके बाद उन्हें भोजन खिलाएं। कन्या पूजन के लिए हलवा और पूड़ी का प्रसाद तैयार करें।
बच्चों को प्यार से भोजन खिलाएं और अंत में उन्हें गिफ्ट्स दें। उनके पैर छुएं और उन्हें भेजने जाएं।