Hindi Newsधर्म न्यूज़Navratri 2024 Date: When is Shardiya Navratri Ashtami Navami this year

Shardiya Navratri 2024 : इस साल किस तिथि का हो रहा है क्षय, कब होगी अष्टमी, नवमी, ज्योतिर्विद से जानें

  • Shardiya Navratri Ashtami Navami:हर साल आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से लेकर के नवमी तिथि तक जगत जननी आदि शक्ति माता दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा अर्चना बड़े ही धूमधाम से की जाती है। माता के नौ स्वरूपों की पूजा के इस महान पर्व को नवरात्र कहा जाता है।

Anuradha Pandey लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली, ज्योतिर्विद दिवाकर त्रिपाठीMon, 30 Sep 2024 11:11 AM
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Shardiya Navratri Ashtami Navami 2024: हर साल आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से लेकर के नवमी तिथि तक जगत जननी आदि शक्ति माता दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा अर्चना बड़े ही धूमधाम से की जाती है।  माता के नौ स्वरूपों की पूजा के इस महान पर्व को नवरात्र कहा जाता है। वर्ष में दो गुप्त नवरात्र और दो प्रचलित नवरात्र सहित कुल 4 नवरात्र होते है। चैत्र और आश्विन मास में पड़ने वाले नवरात्र प्रचलित एवं प्रसिद्ध नवरात्र कहे जाते हैं। जिसमें शारदीय नवरात्र का महत्व एवं इसके स्वरूप में थोड़ा अंतर होता है क्योंकि शारदीय नवरात्र में पूजा पंडालो में माता के स्वरूप की विशेष पूजा आराधना की जाती है। इस वर्ष शारदीय नवरात्र का आरंभ आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि 3 अक्टूबर 2024 दिन बृहस्पतिवार से हो रहा है। आइए जानते हैं इस साल किस तिथि का क्षय हो रहा है और किस तिथि की वृद्धि और अष्टमी, नवमी कब मनेगी।

किस तिथि का क्षय हो रहा है और किस तिथि की वृद्धि और अष्टमी, नवमी कब
 

रावण पर विजय प्राप्त करने के उद्देश्य से भगवान श्री राम द्वारा की गई शक्ति पूजा पर आधारित सप्तमी तिथि में पूजा पंडालो में देवी प्रतिमाओं की स्थापना षष्ठी तिथि 9 अक्टूबर दिन बुधवार को को दिन में प्रातः 7:36 के बाद सप्तमी तिथि एवं मूल नक्षत्र में किया जाएगा इस पक्ष में चतुर्थी तिथि की वृद्धि हो रही है परंतु नवमी तिथि का छय भी हो रहा है। इस प्रकार यह पक्ष में पूरे 15 दिन का होगा यानी नवरात्र पूरे 9 दिन की होगी। लेकिन अष्टमी और नवमी तिथि को लेकर लोगों में कंफ्यूजन है। इस साल 11 अक्टूबर को अष्टमी और नवमी दोनों बनाई जाएंगी। रात्रि कालीन अष्टमी तिथि की पूजा 10 अक्टूबर दिन बृहस्पतिवार की महानिशा में की जाएगी। महाष्टमी एवं महानवमी दोनों के व्रत का मान 11 अक्टूबर दिन शुक्रवार को होगा । पूजा पंडालो में संधि पूजन का कार्य 11 अक्टूबर दिन शुक्रवार को प्रातः 6:28 से लेकर के 7:16 के बीच में किया जाएगा । नवरात्र से संबंधित 9 दिनों तक चल रहे दुर्गा सप्तशती पाठ के समापन के बाद हवन संबंधित कार्य 11 एवं 12 अक्टूबर की भोर में 5:47 बजे तक किसी भी समय किया जा सकता है। पूर्ण नवरात्र व्रत का पारण 12 अक्टूबर दिन शनिवार को सुबह किया जाएगा। 

विजयदशमी कब

विजयदशमी का पावन पर्व 12 अक्टूबर दिन शनिवार को मनाया जाएगा। श्रवण नक्षत्र में दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन 12 अक्टूबर को ही कर लिया जाएगा। श्रवण नक्षत्र दशमी तिथि 12 अक्टूबर की रात में 12:51 तक व्याप्त रहेगा। इस कारण से संपूर्ण दिन भर एवं रात में 12:51 बजे तक दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन किया जा सकता है। इस वर्ष मां भगवती का आगमन नौका पर हो रहा है।

इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

 

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